Chhattisgarh: आदिवासी नेता विष्णु देव साय पर ही BJP ने क्यों लगाया दांव, 2024 को लेकर क्या है रणनीति?
विष्णु देव साय प्रमुख आदिवासी नेता हैं। छत्तीसगढ़ में आदिवासी निर्णायक भूमिका में होती हैं। राज्य की 32 फ़ीसदी आबादी आदिवासी हैं और 29 सीटे अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। इन 29 सीटों में से भाजपा ने 17 पर जीत हासिल की है।
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद को लेकर सस्पेंस खत्म करते हुए भाजपा ने आदिवासी नेता विष्णु देव साय पर बड़ा दांव लगाया है। उन्हें विधायक दल का नेता चुन लिया गया। ऐसे में कहीं ना कहीं विष्णु देव साय वह आदमी है जिनके ऊपर छत्तीसगढ़ के विकास की जिम्मेदारी अगले 5 सालों तक रहने वाली है। साथ ही साथ उनपर 2024 में पार्टी को प्रचंड विजय दिलाने की भी जिम्मेदारी रहेगी। हालांकि, छत्तीसगढ़ में कई बड़े नाम थे जिन पर दांव लगाया जा सकता था। लेकिन विष्णु देव साय पर ही आलाकमान ने अपनी मुहर लगाई है। लेकिन ऐसा क्यों? हम आपको वह बातें बता रहे हैं जो विष्णु देव साय के पक्ष में गया।
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- विष्णु देव साय प्रमुख आदिवासी नेता हैं। छत्तीसगढ़ में आदिवासी निर्णायक भूमिका में होती हैं। राज्य की 32 फ़ीसदी आबादी आदिवासी हैं और 29 सीटे अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। इन 29 सीटों में से भाजपा ने 17 पर जीत हासिल की है। यही कारण है कि पहले भी माना जा रहा था कि छत्तीसगढ़ में भाजपा किसी आदिवासी चेहरे पर दांव लगा सकती है।
- विष्णु देव साय की बात करें तो कहीं ना कहीं वह साफ सुथरी छवि वाले नेता हैं। लंबे समय से सियासत में रहने के बावजूद भी उनके ऊपर कोई बड़ा आरोप नहीं है। वे पूरी तरीके से जमीन से जुड़े हुए नेता है जिनके खिलाफ आपराधिक मामला भी दर्ज नहीं है। विष्णु देव साय को आगे कर भाजपा ने संदेश देने की कोशिश की है कि वह ईमानदार नेताओं को आगे करती है। साथ ही साथ उन नेताओं को ऊपर के पदों तक पहुंचती है जिनकी छवि साफ सुथरी है।
- विष्णु देव साय संघ के भी करीबी हैं और साथ ही साथ संगठन में भी काम करने का अनुभव रखते हैं। इसका उन्हें फायदा मिला। भाजपा को ऐसे ही चेहरे की तलाश थी जिसका संगठन में भी अनुभव हो और संघ में भी पकड़ हो। विष्णु देव साय ने वह कमी पूरी की।
- विष्णु देव साय आदिवासी समाज से आते हैं। ऐसे में आदिवासी बहुल सीटों पर वह पार्टी को बढ़त भी दिला सकते हैं। पार्टी छत्तीसगढ़ के अलावा झारखंड और ओडिसा के आदिवासी बहुत सीटों पर भी नजर रख रही है। ऐसे में विष्णु देव साय का इस्तेमाल पर पार्टी आदिवासी बहुल सीटों पर काम कर सकती है और चुनाव में इसका फायदा भी दिखेगा।
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- छत्तीसगढ़ में भाजपा के कई बड़े दावेदार थे। रमन सिंह के अलावा जो सबसे अनुभवी चेहरा था वह विष्णु देव साय का था। जिस तरीके से भाजपा ने वादे किए हैं उसे 2024 से पहले पूरा करना भी होगा या उसकी शुरुआत करनी होगी। यह पार्टी के लिए बड़ी चुनौती है। विष्णु देव साय केंद्र में मंत्री रहे हैं। नरेंद्र मोदी के साथ काम करने का अनुभव भी रहा है। यही कारण है कि पार्टी ने उन पर विश्वास जताया है।
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