बिहार में कम नहीं हो रहा चमकी बुखार का कहर, अबतक 130 बच्चों की मौत
इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा जमानत पर रिहा किए जाने के बाद सभी के लिए स्वास्थ्य अभियान का संचालन करने वाले डॉ. कफील मुजफ्फरपुर शहर के दामोदरपुर इलाके में एक शिविर लगाकर रोगी बच्चों का मुफ्त इलाज कर रहे हैं।
मुजफ्फरपुर। बिहार में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़ कर 124 हो गई है। मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन डॉ शैलेश प्रसाद ने गुरुवार देर शाम बताया कि पिछले 24 घंटे के दौरान श्रीकृष्ण मेडिकल कालेज अस्पताल और केजरीवाल अस्पताल में चमकी बुखार (एईएस) से सात अन्य बच्चों की मौत के साथ उनके जिले में मरने वाले बच्चों की संख्या अब 121हो गयी है। उन्होंने बताया कि उनके जिले में अबतक इस रोग से ग्रसित कुल 562 बच्चे भर्ती कराए गए जबकि स्वास्थ्य लाभ लेने के बाद 219 बच्चों को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है।
Bihar: Death toll due to Acute Encephalitis Syndrome (AES) rises to 121 in Muzaffarpur. 101 deaths at SKMCH & 20 deaths at Kejriwal hospital. pic.twitter.com/PfjA8HKAce
— ANI (@ANI) June 20, 2019
श्रीकृष्ण मेडिकल कालेज अस्पताल में कल तक 101 और निजी केजरीवाल अस्पताल में 19 बच्चों की मौत हो गयी थी। मंगलवार को पूर्वी चंपारण जिले में एक बच्चे की और गत 16 जून को पटना मेडिकल कालेज अस्पताल में एक बच्चे तथा गत 13 जून को समस्तीपुर जिले के विभूतिपुर में एक बच्चे की मौत हो गयी थी। इस बीच गोरखपुर के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ कफील खान, जिन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर की कथित कमी के कारण एक अस्पताल में बड़ी संख्या में जापानी इंसेफेलाइटिस पीड़ित बच्चों की मौत के बाद पिछले साल निलंबित कर दिया गया था, अपनी सेवाएं देने मुजफ्फरपुर पहुंचे हैं।
इसे भी पढ़ें: हिमाचल के कुल्लू में बड़ा हादसा, नाले में बस गिरने से हुई 27 लोगों की मौत
इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा जमानत पर रिहा किए जाने के बाद सभी के लिए स्वास्थ्य अभियान का संचालन करने वाले डॉ. कफील मुजफ्फरपुर शहर के दामोदरपुर इलाके में एक शिविर लगाकर रोगी बच्चों का मुफ्त इलाज कर रहे हैं। कफील ने अपने ट्विटर अकाउंट पर भी दिमागी बुखार के लक्षणों के प्रबंधन के बारे में जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से वीडियो जारी किया है। चमकी बुखार का एक कारण हाइपोग्लाइसीमिया (रक्त शर्करा का स्तर बहुत कम हो जाना) भी है।
अन्य न्यूज़