जमकर किया प्रचार, लगते नहीं बीमार, केजरीवाल की जमानत याचिका पर कोर्ट ने क्या कहा
विशेष न्यायाधीश ने कहा कि अरविंद केजरीवाल द्वारा किए गए व्यापक प्रचार दौरों और संबंधित बैठकों/कार्यक्रमों से संकेत मिलता है कि वह किसी गंभीर या 'जीवन के लिए खतरा' वाली बीमारी से पीड़ित नहीं हैं, जिससे उन्हें लाभ मिल सके।
दिल्ली की एक अदालत ने अंतरिम जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा किए गए व्यापक प्रचार और चुनावी कार्यक्रमों से संकेत मिलता है कि वह किसी गंभीर या जीवन के लिए खतरा पहुंचाने वाली बीमारी से पीड़ित नहीं हैं। केजरीवाल को झटका देते हुए अदालत ने कथित उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत के लिए उनकी याचिका खारिज कर दी।
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विशेष न्यायाधीश ने कहा कि अरविंद केजरीवाल द्वारा किए गए व्यापक प्रचार दौरों और संबंधित बैठकों/कार्यक्रमों से संकेत मिलता है कि वह किसी गंभीर या 'जीवन के लिए खतरा' वाली बीमारी से पीड़ित नहीं हैं, जिससे उन्हें लाभ मिल सके। जज ने केजरीवाल की न्यायिक हिरासत भी 19 जून तक बढ़ा दी। अदालत इस मामले में डिफॉल्ट जमानत की मांग करने वाली उनकी अर्जी पर 7 जून को सुनवाई करने वाली है। न्यायाधीश ने आगे कहा कि यह निर्धारित करने के लिए परीक्षण करने के लिए अंतरिम जमानत देना कि क्या उच्च कीटोन स्तर या कथित वजन घटाने से डायबिटिक केटोएसिडोसिस हो सकता है।
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जाहिर तौर पर स्वयं आवेदक के अनुसार, वह एक प्रत्याशित बीमारी के 'निदान' के लिए अंतरिम जमानत चाहता है, जिसे राहत के लिए मांगी गई वैध आधार नहीं कहा जा सकता है, खासकर जब आवेदक हिरासत में रहते हुए इस चिंता का समाधान किया जा सकता है। न्यायधीश ने कहा कि ऐसा कोई कारण नहीं दिखता कि हिरासत में रहते हुए आवेदक के ऐसे नैदानिक परीक्षण क्यों नहीं कराए जा सकते।
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