गंभीर मुद्दों से ध्यान हटाने की चाल है CAA और NRC: शरद पवार
पवार ने एक सवाल के जवाब में कहा कि बिहार समेत राजग के शासन वाले आठ राज्यों ने कानून को लागू करने से इनकार कर दिया है और महाराष्ट्र का भी रुख यही रहना चाहिए।
पुणे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने राजग सरकार पर शनिवार को हमला बोला। उन्होंने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) देश को त्रस्त कर रहे गंभीर मुद्दों से “ध्यान हटाने की चाल” है। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, “सीएए और एनआरसी देश के सामने खड़े गंभीर मुद्दों से ध्यान हटाने की चाल है।”
NCP Chief Sharad Pawar: Why allow migrants only from Pakistan, Bangladesh and Afghanistan, under Citizenship Act? Why not from Sri Lanka also? pic.twitter.com/BC4t6AbfSC
— ANI (@ANI) December 21, 2019
उन्होंने कहा, “जो लोग न सिर्फ अल्पसंख्यक बल्कि जो कोई देश की एकता एवं प्रगति की चिंता करते हैं, वे सीएए और एनआरसी का विरोध कर रहे हैं। नया नागरिकता कानून देश की धार्मिक, सामिजक एकता और सौहार्द को बिगाड़ेगा।” पवार ने पूछा कि संशोधित कानून के तहत केवल पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के शरणार्थियों को ही नागरिकता क्यों दी जाएगी और श्रीलंका के तमिलों को क्यों नहीं।
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पवार ने एक सवाल के जवाब में कहा कि बिहार समेत राजग के शासन वाले आठ राज्यों ने कानून को लागू करने से इनकार कर दिया है और महाराष्ट्र का भी रुख यही रहना चाहिए। उन्होंने पूछा, “सीएए भले ही केंद्रीय कानून हो लेकिन इसको लागू राज्यों को करना है। लेकिन क्या राज्यों के पास ऐसा करने के लिए संसाधन एवं तंत्र है।” पूर्व केंद्रीय मंत्री ने एल्गार परिषद मामले में कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुणे पुलिस की कार्रवाई की भी एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अगुवाई में एसआईटी जांच कराने की मांग की।
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