CM कार्यालय के उप सचिव और दो SDM को सस्पेंड कर नए LG ने दिखाया, कड़े और बड़े फैसले लेने में हैं सक्षम
दिल्ली के उपराज्यपाल ने बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कार्यालय में उप सचिव और दो उप-विभागीय मजिस्ट्रेटों (एसडीएम) को भ्रष्टाचार के आरोपों में निलंबित करने का आदेश दिया था।
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना की "तेज और निर्णायक कार्रवाई" ने 2015 से राष्ट्रीय राजधानी में चल रहे एक भूमि घोटाले को समाप्त कर दिया है। उपराज्यपाल ने सोमवार को कालकाजी एक्सटेंशन में ईडब्ल्यूएस फ्लैटों के निर्माण में खामियां पाए जाने पर दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के दो सहायक इंजीनियरों को भी निलंबित कर दिया ताकि उनके खिलाफ कार्यवाही शुरू की जा सके। दिल्ली के उपराज्यपाल ने बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कार्यालय में उप सचिव और दो उप-विभागीय मजिस्ट्रेटों (एसडीएम) को भ्रष्टाचार के आरोपों में निलंबित करने का आदेश दिया था।
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एलजी की तरफ से मुख्यमंत्री कार्यालय में उप सचिव पद पर तैनात प्रकाश चंद्र ठाकुर, वसंत विहार के एसडीएम हर्षित जैन और विवेक विहार के एसडीएम देवेंद्र शर्मा को निलंबित कर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का आदेश दिया गया है। सूत्रों ने कहा कि देवेंद्र शर्मा ने जून, 2015 में एक ही दिन में अलग-अलग आदेशों में एसजी एस्टेट लिमिटेड, रामचंदर मिशन और मधुवन को सरकारी जमीन पर 'भूमिदारी' अधिकार दिए। देवेंद्र शर्मा, प्रकाश चंद ठाकुर और हर्षित जैन के संबंध में 21 जून, 2022 को निलंबन आदेश जारी किए गए हैं, नागेंद्र शेखर पति त्रिपाठी, जो वर्तमान में एक एडीएम के रूप में तैनात चयन ग्रेड अधिकारी हैं, को निलंबित करने की सिफारिश की गई है।
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उपराज्यपाल के इस आदेश का दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने विरोध किया था। सिसोदिया ने कहा था कि जनसेवक के खिलाफ अगर कोई शिकायत आती है तो पहले जनता द्वारा चुनी गई सरकार से उसके खिलाफ जांच शुरू करने से पहले अनुमति लेने की दरकार होती है। बिना केजरीवाल सरकार की अनुमति के जांच नहीं शुरू की जा सकती।
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