हिंद महासागर क्षेत्र की मौजूदा स्थिति का जायजा लेने मुंबई पहुंचा ब्रिटेन का रक्षा मंडल

SANJAY BHALLA
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नौसेना ने कहा कि रक्षा प्रवर समिति के सदस्यों का हालिया दौरा विभिन्न क्षेत्रों में अंतर-संचालन बढ़ाने के लिए दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग को दर्शाता है। उसने कहा कि हिंद प्रशांत क्षेत्र में साझा हितों और क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता के पारस्परिक लक्ष्य के साथ दोनों देश मिलकर काम करते रहने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

ब्रिटिश संसद के निचले सदन हाउस ऑफ कॉमन्स की रक्षा प्रवर समिति के सदस्यों ने हिंद-प्रशांत और हिंद महासागर क्षेत्र की मौजूदा स्थिति की बेहतर समझ हासिल करने और यह पता लगाने के लिए मुंबई का दौरा किया कि ब्रिटेन क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित करने में कैसे योगदान दे सकता है। भारतीय नौसेना ने शनिवार को एक बयान जारी कर यह जानकारी दी। बयान के मुताबिक, सांसद टोबियास एलवुड के नेतृत्व में ब्रिटिश प्रतिनिधिमंडल ने 19 से 21 जुलाई तक मुंबई का दौरा किया। एलवुड ब्रिटिश सेना के पूर्व अधिकारी और रक्षा प्रवर समिति के मौजूदा अध्यक्ष हैं। बयान के अनुसार, ब्रिटिश प्रतिनिधिमंडल ने पश्चिमी नौसेना कमान मुख्यालय के चीफ ऑफ स्टाफ वाइस एडमिरल संजय भल्ला और कमान के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत की।

बयान में कहा गया है, “ब्रिटिश प्रतिनिधिमंडल हिंद-प्रशांत और हिंद महासागर क्षेत्र की मौजूदा स्थिति की बेहतर समझ हासिल करने और यह पता लगाने के लिए भारत आया था कि ब्रिटेन क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित करने में कैसे योगदान दे सकता है।” इसमें बताया गया है कि बातचीत में साझा हित से जुड़े मुद्दों और क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने के दोनों देशों के प्रयासों के अलावा द्विपक्षीय रक्षा सहयोग बढ़ाने के उपायों पर चर्चा हुई। बयान के मुताबिक, ब्रिटिश प्रतिनिधिमंडल ने नवीनतम स्वदेशी विध्वंसक आईएनएस मोरमुगाओ का भी दौरा किया। नौसेना ने कहा कि पिछले कुछ दशकों में भारत और ब्रिटेन के बीच रक्षा से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा है।

उसने कहा कि भारतीय नौसेना और ब्रिटिश रॉयल नेवी के द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास कोंकण-23 का मार्च में आयोजित हालिया संस्करण क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने और नियम-आधारित व्यवस्था को बनाए रखने के दोनों देशों के प्रयासों पर प्रकाश डालता है। नौसेना ने कहा कि रक्षा प्रवर समिति के सदस्यों का हालिया दौरा विभिन्न क्षेत्रों में अंतर-संचालन बढ़ाने के लिए दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग को दर्शाता है। उसने कहा कि हिंद प्रशांत क्षेत्र में साझा हितों और क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता के पारस्परिक लक्ष्य के साथ दोनों देश मिलकर काम करते रहने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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