राम मंदिर जमीन मामले में राजभर की मांग, CBI और ED से कराई जाए घोटाले की जांच
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि मंदिर आम लोगों के लिए आस्था का केंद्र है लेकिन भाजपा और आरएसएस के लिए व्यापार का जरिया है।
लखनऊ। भाजपा की पूर्व सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने सोमवार को मांग की कि राम मंदिर निर्माण के लिए जमीन खरीदने में हुए कथित घोटाले की सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय से जांच कराई जानी चाहिए। उन्होंने इसके साथ ही यह दावा भी किया कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पिछले दिनों उन्हें फोन कर बातचीत का प्रयास किया था। राजभर ने आज रसड़ा में पार्टी के जिलाध्यक्षों की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि मंदिर आम लोगों के लिए आस्था का केंद्र है लेकिन भाजपा और आरएसएस के लिए व्यापार का जरिया है।
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उन्होंने आरोप लगाया कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए एक जमीन गत 18 मार्च को दो करोड़ रुपये में खरीदी गई। इसके बाद वही जमीन 18मार्च को ही पांच मिनट बाद राम मंदिर ट्रस्ट ने 18.50 करोड़ रुपये मे खरीद ली। राजभर ने दावा किया कि दोनों बार जमीन की हुई खरीद-फरोख्त में गवाह एक ही थे और जमीन खरीदने में 16 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया। उन्होंने कहा कि निर्मोही अखाड़ा इससे पहले विश्व हिंदू परिषद पर 1,400करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगा चुका है। राजभर ने कहा, ‘‘ज़मीन घोटाले से करोड़ों भक्तों की आस्था से खिलवाड़ हुआ है और इस घोटाले की सीबीआई तथा प्रवर्तन निदेशालय से जांच कराई जानी चाहिए।’’
वहीं, विपक्षी दलों के आरोपों पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने सोमवार को लखनऊ में कहा, इस बारे में आधिकारिक जवाब (भूमि की खरीद में कथित भ्रष्टाचार का) श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अधिकारी देंगे। मैं एक लाइन में कहूंगा कि विपक्ष में कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें राम जन्मभूमि का कोई भी प्रकरण बिलकुल भी सुहाता नहीं है। कभी-वे कहते थे कि भगवान राम काल्पनिक हैं और रामसेतु का अस्तित्व नहीं था। राम जन्मभूमि के बारे में शुरू से उनका :विपक्ष: यही प्रलाप रहा है। शर्मा ने कहा, जब राम मंदिर निर्माण के लिए सभी बाधाओं को हटा दिया गया, तो विपक्ष ने अनर्गल प्रलाप शुरू कर दिया और, वे राम जन्मभूमि को बदनाम करने का कोई भी मौका छोड़ने से पीछे नही हटते हैं।
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इससे पहले राजभर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमला करते हुए कहा कि दोनों नेता भ्रष्टाचार पर ‘कतई बर्दाश्त नहीं’ का दावा करते हैं, लेकिन वे बताएं कि इस घोटाले को लेकर राम मंदिर निर्माण संस्था के ट्रस्टी पर कब मुकदमा दर्ज होगा तथा घोटाले में संलिप्त लोग कब गिरफ्तार कर जेल भेजे जाएंगे। राजभर ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर चल रही गहमागहमी के बीच पिछले दिनों भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें फोन किया था, परन्तु उन्होंने नड्डा से बातचीत करने से इनकार कर दिया था।
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह नेश्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए इसकी सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जांच की मांग की थी। सिंह ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन में सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा था कि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने संस्था के सदस्य अनिल मिश्रा की मदद से दो करोड़ रुपये की जमीन 18 करोड़ रुपये में खरीदी जो सीधे धनशोधन का मामला है और सरकार इसकी सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय से जांच कराए। राय ने इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वह इस तरह के आरोपों से नहीं डरते और खुद पर लगे आरोपों का अध्ययन करेंगे। मीडिया को जारी एक संक्षिप्त बयान में राय ने था कि हम पर तो महात्मा गांधी की हत्या करने का आरोप भी लगाया गया था। हम आरोपों से नहीं घबराते। मैं, हम पर लगे आरोपों का अध्ययन और उनकी जांच करूंगा।
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