कृषि कानूनों के विरोध पर भाजपा ने बनाई नई रणनीति, 700 स्थानों पर चौपाल और प्रेस कांफ्रेंस की तैयारी

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किसानों के आंदोलन को विभिन्न विपक्षी दलों की ओर से समर्थन दिए जाने और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर हमले किए जाने के बाद भाजपा ने इन कार्यक्रमों की रूपरेखा बनाई है।

नयी दिल्ली। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ कुछ किसान संगठनों के आंदोलन के बीच भाजपा ने ग्रामीण क्षेत्रों में चौपाल लगाने सहित देशव्यापी कार्यक्रमों की एक विस्तृत रूपरेखा तय की है ताकि किसानों को इन कानूनों से होने वाले फायदों के बारे में अवगत कराया जा सके। भाजपा सूत्रों के मुताबिक पार्टी की ओर से देश भर के 700 से अधिक जिलों में संवाददाता सम्मेलन और जन सभा सहित कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। किसानों के आंदोलन को विभिन्न विपक्षी दलों की ओर से समर्थन दिए जाने और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर हमले किए जाने के बाद भाजपा ने इन कार्यक्रमों की रूपरेखा बनाई है।

भाजपा ने विपक्षी दलों पर कृषि सुधार कानूनों के बारे में किसानों को भ्रमित करने का आरोप लगाया है और कहा कि राजनीति स्वार्थों की सिद्धि के लिए वे किसानों को उकसा रहे हैं। गौरतलब है कि केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान पिछले कई दिनों से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। वे नए कृषि कानूनों को वापस लेने और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली को बनाए रखने की मांग कर रहे हैं।

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प्रदर्शन कर रहे किसानों का दावा है कि ये कानून उद्योग जगत को फायदा पहुंचाने के लिए लाए गए हैं और इनसे मंडी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था खत्म हो जाएगी। किसान संगठनों की अपनी मांगों को लेकर सरकार के साथ पांच दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन बात नहीं बन पाई है। प्रधानमंत्री मोदी सहित भाजपा के कई शीर्ष नेता लगातार कह रहे हैं कि तीनों कृषि कानून किसानों के हित में है और एमएसपी तथा मंडी व्यवस्था पूर्ववत जारी रहेगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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