भाजपा ने विधायक विक्रमादित्य सिंह की बयानबाजी के शिक्षकों का अपमान बताया , कर्ण नंदा बोले माफी मांगे
विक्रमादित्य सिंह के पिता वीरभद्र सिंह के निधन के बाद उनमें मुख्यमंत्री बनने की आस जगी है। विक्रमादित्य सिंह खुद को स्वतंत्र नेता और कांग्रेस का वारिस समझते हैं। लेकिन उनका यह सपना कभी पूरा नहीं होगा। अपनी खिसकती राजनीतिक जमीन को संभालने के लिए विक्रमादित्य सिंह अंट-शंट बोल रहे हैं।
शिमला । हिमाचल भाजपा मिडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह को नसीहत देते हुये कहा कि भारतीय जनता पार्टी उनके बयान की निंदा करती है। यह बयान शोभा नहीं देता है। ऐसी बयानबाजी किसी नेता की नहीं हो सकती। अध्यापक हमारे गुरू है। उनकी अपमान नहीं किया जा सकता। भाजपा उनकी धमकी स्वीकार नहीं करेगी। उनकी मानसिक हालत ठीक नहीं है। प्रदेश में कर्मचारी व शिक्षक वर्ग साठ प्रतिशत हैं। यह वर्ग उन्हें माफ नहीं करेगा।
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उन्होंने कहा कि विक्रमादित्य सिंह के पिता वीरभद्र सिंह के निधन के बाद उनमें मुख्यमंत्री बनने की आस जगी है। विक्रमादित्य सिंह खुद को स्वतंत्र नेता और कांग्रेस का वारिस समझते हैं। लेकिन उनका यह सपना कभी पूरा नहीं होगा। अपनी खिसकती राजनीतिक जमीन को संभालने के लिए विक्रमादित्य सिंह अंट-शंट बोल रहे हैं। प्रदेश में होने वाले उपचुनावों में कांग्रेस की करारी हार तय देख भी राजनीतिक शब्दों का संतुलन भी खो चुके हैं। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर को विक्रमादित्य सिंह की सुध लेने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश में एक बार फिर भाजपा की सरकार बनेगी।
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