हिमाचल प्रदेश में मृत प्रवासी पक्षियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि, चार राज्यों से आ चुके हैं मामले

Bird flu

राज्य में वन्य जीव, पशुपालन विभाग के कर्मचारियों को अलर्ट रहने को कहा गया है। केरल में हालात काबू में होने के बावजूद प्रशासन ने जिलों में हाई अलर्ट जारी किया है क्योंकि यह वायरस मनुष्य को भी संक्रमित करने की क्षमता रखता है। केरल में वर्ष 2016 में बड़े पैमाने पर बर्ड फ्लू फैला था।

शिमला/तिरुवनंतपुरम। राजस्थान, केरल और मध्य प्रदेश के बाद हिमाचल प्रदेश में भी बर्ड फ्लू के मामले सामने आए हैं। अधिकारियों ने हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के पोंग बांध झील क्षेत्र में मृत पाए गए कुछ प्रवासी पक्षियों में ‘बर्ड फ्लू’ की पुष्टि की है। राजस्थान में भी कई जिलों में पक्षियों की मौत हुई है। राज्य के विभिन्न जिलों में सोमवार को 170 से अधिक पक्षियों की मौत के मामले सामने आए। पशुपालन विभाग के अनुसार राज्य में 425 से अधिक कौवों, बगुलों और अन्य पक्षियों की मौत हुई है। झालावाड़ के पक्षियों के नमूनों को जांच के लिये भोपाल के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान भेजा गया था, जिसमें बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है जबकि अन्य जिलों के पक्षियों के नमूनों की जांच के परिणाम अब तक नहीं मिले हैं। केरल के कोट्टायम और अलप्पुझा जिलों के कुछ हिस्सों में बर्ड फ्लू फैलने की जानकारी सामने आई है, जिसके चलते प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में और उसके आसपास एक किलोमीटर के दायरे में बत्तख, मुर्गियों और अन्य घरेलू पक्षियों को मारने का आदेश दिया है। अधिकारियों ने कहा कि एच5एन8 वायरस के प्रसार की रोकथाम के लिए करीब 40,000 पक्षियों को मारना पड़ेगा। कोट्टायम जिला प्रशासन ने कहा कि नींदूर में एक बत्तख पालन केंद्र में बर्ड फ्लू पाया गया है और वहां करीब 1,500 बत्तख मर चुकी हैं। बर्ड फ्लू काफी संक्रामक बीमारी है और एच5एन1 वायरस के कारण पक्षियों के श्वसन तंत्र पर इसका असर पड़ता है। मानव भी इससे संक्रमित हो सकते हैं। हिमाचल प्रदेश में पोंग बांध झील अभयारण्य में अब तक करीब 1800 प्रवासी पक्षी मृत पाये गये हैं। केंद्र द्वारा दी गयी जानकारी का जिक्र करते हुए प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) अर्चना शर्मा ने कहा कि बरेली में भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान में मृत पक्षियों के नमूनों की जांच रिपोर्ट में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुयी है। उन्होंने कहा कि उनका विभाग भोपाल स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट आफ हाई सिक्योरिटी एनिमल डीजीज से इसकी पुष्टि का इंतजार कर रहा है क्योंकि इस बीमारी की जांच के लिये यह नोडल इकाई है। उन्होंने कहा कि जालंधर में उत्तरी क्षेत्र बीमारी जांच प्रयोगशाला ने भी पक्षियों के नमूनों में फ्लू की आशंका व्यक्त की है। 

इसे भी पढ़ें: Unlock 5 के 96वें दिन स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, भारत में वृहद होगा कोरोना टीकाकरण अभियान

कांगड़ा के जिलाधिकारी राकेश प्रजापति ने जिले के फतेहपुर, देहरा, जवाली और इंदौरा उप मंडल में मुर्गी, बत्तख, हर प्रजाति की मछली और उससे संबंधित उत्पादों जैसे अंडे, मांस, चि​कन आदि की ब्रिकी पर प्रतिबंध लगा दिया है। हिमाचल प्रदेश के पोंग बांध वन्यजीव अभयारण्य में वन्यजीव कर्मियों ने पिछले सोमवार को फतेहपुर में सबसे पहले चार पक्षियों के मृत मिलने की सूचना दी थी। इसके बाद कुछ अन्य क्षेत्रों से भी मामले सामने आए। पिछले साल जनवरी के अंत तक एक लाख से ज्यादा प्रवासी पक्षी यहां आए थे और इस साल अब तक 50,000 से ज्यादा पक्षी पहुंच चुके हैं। अधिकारियों ने कहा कि बर्ड फ्लू के लिए निर्धारित निर्देशों के तहत मृत पक्षियों का निपटान कर दिया गया। अधिकारियों ने कहा कि राज्य में अन्य जलाशयों से पक्षियों की मौत की सूचना नहीं मिली है। राज्य में वन्य जीव, पशुपालन विभाग के कर्मचारियों को अलर्ट रहने को कहा गया है। केरल में हालात काबू में होने के बावजूद प्रशासन ने जिलों में हाई अलर्ट जारी किया है क्योंकि यह वायरस मनुष्य को भी संक्रमित करने की क्षमता रखता है। केरल में वर्ष 2016 में बड़े पैमाने पर बर्ड फ्लू फैला था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़