भारत बंद के समर्थन में नहीं है भारतीय किसान संघ, कहा- कृषि कानूनों में कुछ सुधार की जरुरत
किसानों का प्रतिनिधित्व करने वाले कुछ संगठनों ने कृषि से संबंधित तीन नए कानूनों के विरोध में आठ दिसंबर को देशव्यापी बंद का आह्वान किया है। बीकेएस के संगठन मंत्री (मघ्यप्रदेश और छत्तीसगढ़) महेश चौधरी ने कहा, ‘‘हम भारत बंद का समर्थन नहीं कर रहे हैं, लेकिन कानूनों के इस रूप में समर्थन नहीं कर रहे हैं।
भोपाल। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) समर्थित भारतीय किसान संघ (बीकेएस) ने सोमवार को कहा कि वह केन्द्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ मंगलवार को ‘‘भारत बंद’’ का समर्थन नहीं करेगा, लेकिन इन कानूनों में कुछ ‘‘सुधार’’ होना चाहिये। किसानों का प्रतिनिधित्व करने वाले कुछ संगठनों ने हाल ही में कृषि से संबंधित तीन नए कानूनों के विरोध में मंगलवार आठ दिसंबर को देशव्यापी बंद का आह्वान किया है। बीकेएस के संगठन मंत्री (मघ्यप्रदेश और छत्तीसगढ़) महेश चौधरी ने कहा, ‘‘हम भारत बंद का समर्थन नहीं कर रहे हैं, लेकिन हम इन तीन कानूनों का इस रूप में समर्थन नहीं कर रहे हैं। हम इनमें कुछ सुधार चाहते हैं और इसके लिये अगस्त में केन्द्र को पत्र लिखा भी है जिसमें गांवों से मिले सुझाव के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एसएसपी) पर उपज खरीद की सुविधा देने की सिफारिश की है।’’
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उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने पहले ही हमें आश्वासन दिया है कि इस पर गौर किया जायेगा। उन्होंने कहा कि अधिनियम के ‘‘एक बाजार एक देश’’ सहित कई अन्य प्रावधानों का बीकेएस दृढ़ता से समर्थन करता है और इससे किसानों को काफी फायदा होगा। दिल्ली के बाहरी इलाकों में किसानों द्वारा किये जा रहे विरोध प्रदर्शन को समाप्त करने की मांग करते हुए चौधरी ने कहा, ‘‘इसमें शामिल लोगों को और वहां लगाये जा रहे नारों को आप जानते हैं।’’ दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसानों द्वारा नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इन किसानों में अधिकांश पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान शामिल हैं। केन्द्र और किसान नेताओं के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिनइस गतिरोध का समाधान नहीं निकला है।
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