महाराष्ट्र में भारत बंद का असर, रोकी गई ट्रेन

Maharashtra

‘स्वाभिमानी शेतकारी संगठन’ के सदस्यों ने बुलढाणा जिले में मलकापुर स्टेशन पर चेन्नई-अहमदाबाद नवजीवन एक्सप्रेस को रोककर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन किया। एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने रेल पटरियों से प्रदर्शनकारियों को हटाने के बाद संगठन के नेता रविकांत तुपकार और उनके समर्थकों को हिरासत में ले लिया। न

मुंबई। केंद्र के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों द्वारा मंगलवार को आहूत भारत बंद के मद्देनजर एक किसान संगठन के सदस्यों ने महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में ट्रेन रोकी। ‘स्वाभिमानी शेतकारी संगठन’ के सदस्यों ने बुलढाणा जिले में मलकापुर स्टेशन पर चेन्नई-अहमदाबाद नवजीवन एक्सप्रेस को रोककर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन किया। एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने रेल पटरियों से प्रदर्शनकारियों को हटाने के बाद संगठन के नेता रविकांत तुपकार और उनके समर्थकों को हिरासत में ले लिया। नवी मुंबई, नासिक, धुले, पुणे और सोलापुर की कृषि उत्पाद बाजार समितियां भारत बंद के मद्देनजर बंद रहीं। महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एमएसआरटीसी की बसें ‘भारत बंद’ के दौरान निर्धारित समय सारणी के हिसाब से चल रही हैं। उन्होंने कहा कि बंद के चलते कानून व्यवस्था की समस्या खड़ी नहीं होगी तो बसों का संचालन जारी रहेगा। 

इसे भी पढ़ें: किसानों का देशव्यापी बंद, सिंघु बॉर्डर पर भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात

इस बीच, ट्रक संगठनों की शीर्ष संस्था ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने बंद में शामिल होने का फैसला किया है और मंगलवार को अपना परिचालन निलंबित रखा है। महाराष्ट्र राज्य ट्रक टेंपो टैंकर्स वाहतुक संघ के सचिव दया नाटकर ने कहा कि दूध, सब्जियों और फल जैसी जरूरी वस्तुओं की ढुलाई को इस बंद से बाहर रखा गया है। टैक्सी यूनियन के नेता ए एल क्वादरोस ने कहा कि टैक्सियां महानगर में चल रही हैं, क्योंकि कोरोना वायरस महामारी एवं लॉकडाउन पहले ही इस क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित कर चुके हैं। महाराष्ट्र में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस बंद को समर्थन दे रहे हैं। शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा कि किसानों द्वारा किया गया ‘भारत बंद’ का आह्वान गैर राजनीतिक है और देश के लोगों को कृषकों के प्रति समर्थन प्रकट करने के लिए स्वेच्छा से उसमें भाग लेना चाहिए। राउत ने कहा, ‘‘ लोगों को बंद में स्वेच्छा से भाग लेना चाहिए। इससे किसानों के प्रति सच्चा समर्थन प्रदर्शित होगा। यह राजनीतिक बंद नहीं है। वैसे कई दलों ने इसमें हिस्सा लेने का निर्णय लिया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़