बैंक धोखाधड़ी मामला : ईडी ने महाराष्ट्र से संचालित कंपनियों के ठिकानों पर मारे छापे, नकदी जब्त
ईडी के मुताबिक श्री शिव पार्वती सखार कारखाना लिमिटेड ने बैंकों से 100 करोड़ रुपये का ऋण लिया लेकिन परियोजना के लिए 71.19 करोड़ रुपये का अपना हिस्सा देने में विफल रही, जो ऋण प्राप्त करने की शर्तों में से एक थी।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी से जुड़े धन शोधन मामले में महाराष्ट्र में एक चीनी मिल और कुछ अन्य संस्थाओं के परिसरों में छापेमारी की और 19.50 लाख रुपये नकद जब्त किए। ईडी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
संघीय एजेंसी ने एक विज्ञप्ति में बताया कि श्री शिव पार्वती सखार कारखाना लिमिटेड, हाईटेक इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और उनके निदेशकों नंदकुमार तासगांवकर, संजय अवाटे और राजेंद्र इंगवाले के मुंबई, कर्जत, बारामती और पुणे स्थित ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई की गई।
हालांकि, एजेंसी ने यह नहीं बताया कि यह कार्रवाई किस तारीख को की गई। ईडी ने बताया कि तलाशी के दौरान ‘‘अपराध में संलिप्तता का संकेत करने वाले’’दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और 19.50 लाख रुपये नकद जब्त किए गए।
ईडी ने धनशोधन मामले की जांच श्री शिव पार्वती सखार कारखाना लिमिटेड, इसके निदेशकों और अन्य के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर शुरू की गई। आरोपियों पर आरोप है कि ‘‘अवैध लाभ प्राप्त करने के लिए खातों में हेराफेरी व जालसाजी की गई और फर्जी दस्तावेज बनाए गए।
ईडी के मुताबिक श्री शिव पार्वती सखार कारखाना लिमिटेड ने बैंकों से 100 करोड़ रुपये का ऋण लिया लेकिन परियोजना के लिए 71.19 करोड़ रुपये का अपना हिस्सा देने में विफल रही, जो ऋण प्राप्त करने की शर्तों में से एक थी।
संघीय एजेंसी ने दावा किया कि ऋण लेने के बाद, इसके निदेशकों और सहयोगी कम्पनियों जैसे कि तासगांवकर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड, तासगांवकर इंडस्ट्रीज लिमिटेड और इसकी सहयोगी हाईटेक इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से राशि के एक बड़े हिस्से का ‘गबन’ किया गया जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ।
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