महाशिवरात्रि पर मध्य प्रदेश में बाबा महाकाल, पशुपतिनाथ और ओमकारेश्वर में उमड़ा भक्तों का सैलाब
दिनेश शुक्ल । Mar 11 2021 11:46AM
महाशिवरात्रि पर उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में भक्तों का तांता लगा हुआ। महाशिवरात्रि पर रात 2:30 बजे से ही बाबा के मंदिर के पट खुल गए हैं। इसके बाद पुजारियों ने विधि विधान से बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार किया।
भोपाल। महाशिवरात्रि का पर्व आज गुरुवार को देशभर में मनाया जा रहा है। शिवालयों में आज सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ उमड़नी शुरू हो गई। हालांकि कोरोना को लेकर तमाम बड़े आयोजन नहीं हो रहे हैं, लेकिन आस्था और श्रद्धा के चलते बड़ी संख्या में लोग मंदिरों में पहुंच रहे हैं। शिव मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं का पहुंचना जारी है। भगवान भोलेनाथ का अभिषेक कर विधि-विधान से उनकी पूजा अर्चना की जा रही है, जो देर रात जारी रहेगी।
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राजधानी भोपाल के सभी छोटे-बड़े शिव मंदिरों में सुबह से पूजा-पाठ का दौर जारी है। शिवरात्रि पर्व को देखते हुए मंदिरों में विशेष सजावट की गई है और अनुष्ठान किए जा रहे हैं। राजधानी के समीप भोजपुर स्थित प्रसिद्ध शिव मंदिर में सुबह से भक्तों का पहुंचने का सिलसिला जारी है। महाशिवरात्रि पर्व को देखते हुए यहां सुरक्षा व्यवस्था के खास इंतजाम किए गए हैं।
जयकारों से गूंजा महाकाल मंदिर
महाशिवरात्रि पर उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में भक्तों का तांता लगा हुआ। महाशिवरात्रि पर रात 2:30 बजे से ही बाबा के मंदिर के पट खुल गए हैं। इसके बाद पुजारियों ने विधि विधान से बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार किया। महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरि महराज ने बाबा महाकाल की भस्मारती की। पुजारियों ने तड़के बाबा का पंचामृत अभिषेक किया। पिछले आठ दिनों से बाबा साकार स्वरूप में थे। आज निराकार रूप में भक्तों को दर्शन दे रहे हैं। यहां सुबह से ही भक्तों के दर्शनों का सिलसिला जारी है। भगवान की एक झलक पाने के लिए मध्यरात्रि 3 बजे से ही भक्तों के कतारों में लगने का सिलसिला शुरू हो गया। करीब एक लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है।
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दोपहर 12 बजे तहसील की ओर से शासकीय पूजा होगी। शाम 4 बजे पुजारी होल्कर व सिंधिया स्टेट की ओर से पूजा करेंगे। इसके बाद संध्या आरती में भगवान को मीठे गरम दूध का भोग लगाया जाएगा। रात्रि 11 बजे भगवान महाकाल का महाअभिषेक किया जाएगा। इसमें दूध, दही, खंडसारी, शहद, घी, पांच प्रकार के फलों का रस, गन्ने का रस, गंगाजल, गुलाब जल, भांग आदि सामग्री के साथ केसर मिश्रित दूध से अभिषेक किया जाएगा। पश्चात वैदिक मंत्रों के साथ पूजा अर्चना होगी। शिव तांडव के रूप के साथ हर रोज की तरह शिव-पार्वती को कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुंड माल छत्र आदि भी अर्पित किए गए।
आज बाबा का सुबह 10 से 11 के बीच दोबारा विशेष अभिषेक होगा। जिसके बाद देर रात 12 बजे भक्त बाबा के दर्शन निरंतर कर सकेंगे। रात 12 बजे बाद फिर बाबा का विशेष पूजन होगा। जिसमें बाबा को 1000 बिल्व पत्र चढ़ाए जायंगे और सप्त धान का मुकुट अर्पित किया जाएगा। दूसरे दिन सेहरा दर्शन के बाद दोपहर 12 बजे बाबा मध्यकालीन भस्मार्ती की जाना है जिसमें बाबा साकार से निराकार रूप धारण करेंगे और कन्या व ब्राह्मण भोज के बाद महाशिवरात्रि पर्व की समाप्ति की जाएगी।
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ओमकारेश्वर में हुआ विशेष अनुष्ठान
खंडवा स्थित ओंकारेश्वर में महाशिवरात्रि पर सुबह 4:00 बजे मंदिर खोल दिए गए। इसके साथ ही दर्शनों का सिलसिला शुरू हो गया है। रात 3 बजे से ही मंदिर में दर्शनार्थियों की कतार लगना शुरू हो गई थी। महाशिवरात्रि पर मंदिर 24 घंटे खुला रहेगा। दर्शन की व्यवस्था सामान्य रहेगी। ज्योतिर्लिंग मन्दिर के गर्भगृह में पहुंच कर श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ के मूल स्वरूप पर जल और पुष्प-बेलपत्र चढा रहे हैं। गर्भ गृह को सुगंधित फूलों से सजाया गया है। हालांकि मंदिर प्रबंधन ने पूजा का समय निर्धारित किया है। सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक मूल स्वरूप सीधे पर जल चढ़ाने पर प्रतिबंध है। तीर्थनगरी के विभिन्न घाटों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु नर्मदा स्नान कर रहे है। वहीं भगवान ओंकारेश्वर- ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने पहुंच रहे हैं। सुबह से करीब 15 हजार लोग स्नान व दर्शन कर चुके हैं। प्रशासन और मंदिर ट्रस्ट ने श्रद्धालुओं की सुविधा व सुरक्षा के इंतजाम किए हैं।
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मंदसौर पशुपतिनाथ मंदिर में उमड़ा भक्तों का सैलाब
महाशिवरात्रि पर्व पर मंदसौर स्थित पशुपतिनाथ मंदिर में भी भक्त सुबह से ही भगवान श्री पशुपतिनाथ के दर्शन करने पहुंच रहे हैं। शिवना नदी के घाटों से लेकर गर्भगृह तक आकर्षक सजावट की गई है। भगवान पशुपतिनाथ मंदिर के पट महाशिवरात्रि पर्व पर सुबह चार बजे खुल गए हैं, जो अब 33 घंटे तक 12 मार्च की दोपहर एक बजे बंद होंगे। महाशिवरात्रि पर दिनभर में 20 हजार से अधिक भक्तों के पहुंचने का अनुमान है। गुरुवार रात मंदिर में चारों प्रहर के अभिषेक, श्रृंगार, भजन-कीर्तन एवं अभिषेक हुआ। वहीं 12 मार्च को सुबह चार बजे चौथे प्रहर का अभिषेक के साथ ही नयनाभिराम श्रृंगार होगा।
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