2.50 करोड़ से विकसित होगा अयोध्या का तीन कुंड, जुड़ी है कई पौराणिक मान्यता
राम नगरी अयोध्या में प्राचीन स्वर्ण खनि, हनुमान कुंड और गणेश कुंड के सौंदर्यीकरण के साथ पर्यटकों के लिए सुविधाएं बनाई जाएंगी।अब जल्द ही इस योजना को लेकर पर्यटन विभाग टेंडर प्रक्रिया को पूरा किए जाने के साथ कुंड के जीर्णोद्धार का कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा।
अयोध्या। राम नगरी अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर निर्माण के साथ प्राचीन कुंडों के अस्तित्व को बचाने के लिए संरक्षित किए जाने की योजना बनाई गई है। पर्यटन विभाग पहले चरण में 2.50 करोड़ से 3 कुंडों के सौंदर्यीकरण का कार्य करेगी जिसमें स्वर्ण खनि, हनुमान कुंड और गणेश कुंड को शामिल किया गया है। अब जल्द ही इस योजना को लेकर पर्यटन विभाग टेंडर प्रक्रिया को पूरा किए जाने के साथ कुंड के जीर्णोद्धार का कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा।
इसे भी पढ़ें: अयोध्या को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए नगरवासियों से मांगे गए सुझाव
राम नगरी अयोध्या के प्राचीन कुंडों के सौंदर्यीकरण में शामिल स्वर्ण खनि, हनुमान कुंड और गणेश कुंड को वैदिक और प्राचीन पद्धति से तैयार किए जाने के साथ कुंड के आसपास आठवें वाटर ट्रीटमेंट प्लांट सहित ग्रीनरी विकसित किया जाएगा तो वही कुंड स्थल पर श्रद्धालुओं के लिए भी बैठने व अन्य सुविधा युक्त होंगे। इस कार्य को लेकर पर्यटन विभाग ने उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कारपोरेशन को ढाई करोड़ रुपए की राशि स्वीकृति की है।
इसे भी पढ़ें: ससुराल नेपाल से अयोध्या पहुंचा राम विवाह के लिए आया उपहार, राम मंदिर में हुआ समर्पित
अयोध्या स्थित यह तीनों कुंड से जुड़ी है कई पौराणिक मान्यता है। स्वर्णखनि कुंड को लेकर मान्यता है कि यहां महाराज रघुजी के भय से कुबेर ने स्वर्णवृष्टि की थी। यहां स्नान-दान करने से मनुष्य लक्ष्मीवान हो जाता है। नाग पंचमी को कुंड पर मेला लगता है। और इस स्थान पर वार्षिक यात्रा का भी विधान है।स्वर्णखनि कुंड के कुछ ही दूरी पर प्राचीन हनुमानकुंड स्थित है। भाद्र शुक्ल चतुर्दशी को इसकी परिक्रमा करने का विधान है। कुंड के पास हनुमान जी की पूजा-अर्चना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। गणेश कुंड मणिपर्वत के दक्षिणभाग में स्थित है। जहां पर माघ कृष्ण चतुर्थी को स्नान-पूजन का महत्व है। पूजन में ऊं नम: श्रीगणेशाय इस मंत्र का प्रयोग कर गणेश जी की स्तुति से मनोकामना पूरी होती है।
अन्य न्यूज़