Assam: सिलचर में बाढ़ प्रभावित लोगों से मिले राहुल गांधी, भाजपा की डबल इंजन सरकार पर लगाया कुप्रबंधन का आरोप
इस वर्ष बाढ़, भूस्खलन और तूफान में मरने वालों की संख्या 78 थी, जिसमें अकेले बाढ़ में 66 लोगों की मौत हो गई, जबकि अधिकांश नदियों में जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। कांग्रेस नेता ने असम के फुलर्टल स्थित थलाई इन यूथ केयर सेंटर में एक राहत शिविर का दौरा किया, जहां उन्होंने पीड़ितों से मुलाकात की।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बाढ़ पीड़ितों से मिलने के लिए सोमवार को असम का दौरा किया क्योंकि राज्य में स्थिति गंभीर बनी हुई है और 28 जिलों में लगभग 23 लाख की आबादी प्रभावित है। इस वर्ष बाढ़, भूस्खलन और तूफान में मरने वालों की संख्या 78 थी, जिसमें अकेले बाढ़ में 66 लोगों की मौत हो गई, जबकि अधिकांश नदियों में जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। कांग्रेस नेता ने असम के फुलर्टल स्थित थलाई इन यूथ केयर सेंटर में एक राहत शिविर का दौरा किया, जहां उन्होंने पीड़ितों से मुलाकात की।
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इसके बाद राहुल ने एक्स पोस्ट पर लिखा कि असम में बाढ़ से हुई भीषण तबाही दिल दहला देने वाली है - 8 साल के अविनाश जैसे मासूम बच्चों को हमसे छीन लिया गया। राज्य भर के सभी शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। उन्होंने कहा कि असम कांग्रेस के नेताओं ने मुझे जमीनी स्थिति से अवगत कराया: राहुल ने दावा किया कि अब तक राज्य में 60+ मौतें हुई हैं, 53,000+ विस्थापित जबकि 24,00,000 प्रभावित हुए है। ये आंकड़े भाजपा की डबल इंजन सरकार के घोर और गंभीर कुप्रबंधन को दर्शाते हैं जो "बाढ़ मुक्त असम" के वादे के साथ सत्ता में आई थी।
राहुल ने कहा कि असम को अल्पावधि में उचित राहत, पुनर्वास और मुआवजे के लिए एक व्यापक और दयालु दृष्टि की आवश्यकता है, और लंबी अवधि में बाढ़ को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक हर चीज करने के लिए एक अखिल-पूर्वोत्तर जल प्रबंधन प्राधिकरण की आवश्यकता है। मैं असम के लोगों के साथ खड़ा हूं, मैं संसद में उनका सिपाही हूं और मैं केंद्र सरकार से राज्य को शीघ्रता से हर संभव सहायता और समर्थन देने का आग्रह करता हूं।
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वहीं, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि बाढ़ प्रभावित जिलों में सभी राहत शिविरों में पूरी व्यवस्था की गई है और स्थिति सामान्य होने तक आवश्यक वस्तुओं का पर्याप्त भंडार रखा गया है। उन्होंने कहा कि बाढ़ राहत शिविरों की सुरक्षा और स्वच्छता सरकार की प्राथमिकता है और उनकी टीम वहां रह रहे लोगों के संपर्क में है। वर्तमान में, 28 जिलों में 3,446 गांवों के लगभग 23 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, जबकि बाढ़ की दूसरी लहर से 68,432.75 हेक्टेयर फसल भूमि जलमग्न हो गई है।
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