आसाराम ने की आजीवन कारावास की सजा को निलंबित करने की मांग, सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को भेजा नोटिस
पीठ ने मामले की सुनवाई 13 दिसंबर के लिए तय करते हुए कहा कि हम नोटिस जारी करेंगे, लेकिन हम केवल चिकित्सीय स्थितियों पर ही विचार करेंगे। गुजरात उच्च न्यायालय ने 29 अगस्त को गांधीनगर अदालत द्वारा 2023 में आजीवन कारावास की सजा के निलंबन के लिए आसाराम की याचिका खारिज कर दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को जेल में बंद स्वयंभू बाबा आसाराम की याचिका पर गुजरात सरकार से जवाब मांगा, जिसमें उन्होंने 2013 के बलात्कार मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई आजीवन कारावास की सजा को निलंबित करने की मांग की है। न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की पीठ ने आसाराम की ओर से पेश वकील से कहा कि वह इस मुद्दे की जांच तभी करेगी जब चिकित्सीय आधार होंगे।
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पीठ ने मामले की सुनवाई 13 दिसंबर के लिए तय करते हुए कहा कि हम नोटिस जारी करेंगे, लेकिन हम केवल चिकित्सीय स्थितियों पर ही विचार करेंगे। गुजरात उच्च न्यायालय ने 29 अगस्त को गांधीनगर अदालत द्वारा 2023 में आजीवन कारावास की सजा के निलंबन के लिए आसाराम की याचिका खारिज कर दी थी। सजा को निलंबित करने और उन्हें जमानत देने से इनकार करते हुए, उच्च न्यायालय ने कहा था कि राहत के लिए कोई मामला नहीं बनता है। जनवरी 2023 में सत्र अदालत ने आसाराम को 2013 बलात्कार मामले में दोषी ठहराया।
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