Lok Sabha Election: गोरखपुर चुनाव में अर्थी बाबा भी ठोंक रहे हैं ताल
एमबीए पास आउट राजन यादव उर्फ ‘अर्थी बाबा’ के नाम से यह शख़्स पिछले कई बार से गोरखपुर लोकसभा सीट से नामांकन दर्ज कर चुनाव लड़ते हैं। इस बार भी अर्थी बाबा ने गोरखपुर के राप्ती नदी के किनारे शमशान घाट पर अपना कार्यालय बनाया है और अर्थी पर घूम-घूम कर चुनाव प्रचार कर रहे हैं।
लखनऊ। गोरखपुर लोकसभा चुनाव के मैदान में तमाम बड़े दलों के नेताओं के साथ-साथ अर्थी वाले बाबा की भी चर्चा हो रही है। अपने नाम को सार्थक करते हुए राजन यादव उर्फ अर्थी बाबा ने अर्थी पर सवार होकर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में गोरखपुर सीट से नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने की घोषणा की है। अर्थी बाबा का कार्यालय भी राप्ती नदी के किनारे श्मशान घाट पर स्थित है।
बाबा चिता पर बैठे लोगों से मिल रहे हैं गोरखपुर की लोकसभा सीट पर होने वाले चुनाव में एक अनोखे प्रत्याशी हैं, जो अर्थी पर लेट कर चुनाव प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने श्मशान घाट को अपना कार्यालय बना लिया है।
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एमबीए पास आउट राजन यादव उर्फ ‘अर्थी बाबा’ के नाम से यह शख़्स पिछले कई बार से गोरखपुर लोकसभा सीट से नामांकन दर्ज कर चुनाव लड़ते हैं। इस बार भी अर्थी बाबा ने गोरखपुर के राप्ती नदी के किनारे शमशान घाट पर अपना कार्यालय बनाया है और अर्थी पर घूम-घूम कर चुनाव प्रचार कर रहे हैं। ‘राम नाम सत्य है भ्रष्ट नेताओं की यही गति है’ यह शब्द हमारे नहीं बल्कि गोरखपुर लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले राजन यादव उर्फ ‘अर्थी बाबा’ के है। उन्होंने गोरखपुर राप्ती नदी के श्मशान घाट पर अपना कार्यालय बनाय है और अर्थी पर लेट कर प्रचार करने निकलते हैं। अर्थी बाबा बताते हैं कि पिछले कई दशक से वह चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन, अब तक जीत हासिल नहीं की है। वह भगवान बुद्ध के शरण में रहे हैं और दीक्षा भी ले चुके हैं। इसलिए आज तक उन्होंने शादी भी नहीं की। वे बताते हैं कि उनके आंदोलन की वजह से गोरखपुर और कई कल्याणकारी काम हुए हैं। अर्थी बाबा बताते हैं कि आज देश में लोकतंत्र की हत्या हो रही है और अर्थी निकल रही है। मैं इसीलिए अर्थी पर बैठकर नामांकन दर्ज करूंगा। इसमें कोई गलत बात तो नहीं है।
‘बौद्ध भिक्षु’ वेशभूषा में श्मशान घाट में कार्यालय बनाकर गोरखपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने वाले अर्थी बाबा बताते हैं कि चुनाव में उनका मुद्दा बिल्कुल अलग होगा। इसमें कफन दान, चिता लकड़ी दान, सेनेटरी पैड, गरीब छात्रों की फीस, कॉपी किताब, ड्रेस, बस्तादान, गरीबों के इलाज खर्च दान को बिल्कुल फ्री किया जाएगा। साथ ही मोबाइल फोन पर बंद हो चुके लाइफ टाइम इनकमिंग को दोबारा चालू करना। वहीं अर्थी बाबा शमशान घाट पर चिता जलाने आए लोगों से चंदा लेकर यह चुनाव लड़ रहे हैं।
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