हिंसा प्रभावित मणिपुर के दौरे पर सेना प्रमुख मनोज पांडे, जमीनी स्थिति का लेंगे जायजा
मणिपुर बीते तीन सप्ताह से अधिक समय से जातीय हिंसा और अशांति की चपेट में है। मेइती समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में आयोजित जनजातीय एकजुटता मार्च के बाद 3 मई को मणिपुर में हिंसक झड़पें हुईं।
सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे उत्तर-पूर्वी राज्य में जमीनी स्थिति का जायजा लेने के लिए शनिवार को दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर मणिपुर के लिए रवाना हुए। मणिपुर बीते तीन सप्ताह से अधिक समय से जातीय हिंसा और अशांति की चपेट में है। मेइती समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में आयोजित जनजातीय एकजुटता मार्च के बाद 3 मई को मणिपुर में हिंसक झड़पें हुईं।
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अधिकारियों ने कहा कि सेना और असम राइफल्स ने संवेदनशील और सीमांत इलाकों पर कब्जा कर स्थिति को शांत करने के लिए 135 कॉलम तैनात किए हैं। एक कॉलम में करीब 100 जवान होते हैं। सेना ने एक बयान में कहा कि सेना प्रमुख विभिन्न स्थानों का दौरा करेंगे, जहां वह स्थानीय फॉर्मेशन कमांडरों और सैनिकों के साथ बातचीत करेंगे और जमीनी स्थिति का जायजा लेंगे।
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पांडे रविवार को राज्यपाल अनुसुइया उइके, मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और मुख्य सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह से मुलाकात करेंगे और "वर्तमान स्थिति और जल्द से जल्द सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए भविष्य की दिशा पर चर्चा और विचार-विमर्श करेंगे। राज्य के बहुसंख्यक मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के प्रस्ताव के खिलाफ स्वदेशी जनजातीय नेता फोरम (आईटीएलएफ) के एकजुटता मार्च के बाद 3 मई को चुराचांदपुर में झड़पें हुईं।
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