2016 उप्र पुलिस भर्ती : उच्चतम न्यायालय ने बोर्ड का फैसला बरकरार रखा

Supreme Court

पीठ ने कहा, “निष्कर्ष के तौर पर, प्रारंभिक चरण में सामान्यीकरण की प्रक्रिया को अपनाने के लिए बोर्ड द्वारा किया गया अभ्यास, यानी भर्ती नियमों के नियम 15 (बी) के स्तर पर कानून की आवश्यकताओं के अनुरूप था।”

नयी दिल्ली|  उच्चतम न्यायालय ने उम्मीदवारों के चयन पर उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती प्रोन्नति बोर्ड के फैसले को शुक्रवार को बरकरार रखते हुए कहा कि भर्ती नियम कानून की आवश्यकताओं के अनुरूप हैं।

न्यायमूर्ति यू यू ललित और न्यायमूर्ति विनीत सरण की पीठ ने कहा कि प्रक्रिया के किसी भी मोड़ पर दुर्भावना या प्रामाणिकता के अभाव का कोई आरोप नहीं दिखता है।

पीठ ने कहा, “निष्कर्ष के तौर पर, प्रारंभिक चरण में सामान्यीकरण की प्रक्रिया को अपनाने के लिए बोर्ड द्वारा किया गया अभ्यास, यानी भर्ती नियमों के नियम 15 (बी) के स्तर पर कानून की आवश्यकताओं के अनुरूप था।”

उसने कहा, “बोर्ड द्वारा प्रयोग की जाने वाली शक्ति उसके अधिकार क्षेत्र में थी और जैसा कि उच्च न्यायालय ने कहा था, प्रक्रिया के किसी भी मोड़ पर दुर्भावना या प्रामाणिकता की अनुपस्थिति का कोई आरोप नहीं था।”

शीर्ष अदालत ने कहा कि लोक सेवा आयोगों सहित विशेषज्ञ निकायों द्वारा लिए गए फैसलों में तब तक हस्तक्षेप नहीं किया जाना चाहिए, जब तक कि सत्ता के मनमाने और दुर्भावना से प्रयोग की घटनाएं सामने नहीं आती हैं।”

उत्तर प्रदेश पुलिस में पुलिस उपनिरीक्षक के 2,400 पदों, प्लाटून कमांडर (पीएसी2) के 210 पदों और अग्निशमन अधिकारी (ग्रेड- 2) के 97 पदों को भरने के लिए उप्र सरकार द्वारा एक अधिसूचना प्रकाशित की गई थी।

महिला उम्मीदवारों के लिए उप निरीक्षक (नागरिक पुलिस) के 600 पदों के संबंध में इसी तरह की अधिसूचना उसी तिथि को प्रकाशित की गई थी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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