Anti-Sikh riots case: जगदीश टाइटलर को मिली अग्रिम जमानत, सबूतों से छेड़छाड़ न करने का निर्देश
लगभग चार दशकों से दंगा पीड़ितों का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील एचएस फुल्का और अन्य अधिवक्ताओं ने उन्हें शांत किया। सुनवाई के दौरान सीबीआई ने टाइटलर की अर्जी का विरोध किया था। अदालत की अग्रिम जमानत यह सुनिश्चित करती है कि टाइटलर को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। एक लाख रुपये के जमानत बांड पर जमानत दी गई।
1984 सिख विरोधी दंगा मामले में जगदीश टाइटलर को अग्रिम जमानत मिल गई है। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान पुल बंगश इलाके में हुई हत्याओं के मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर को शुक्रवार को अग्रिम जमानत दे दी। अदालत ने टाइटलर को सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करने या उसकी अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ने का भी निर्देश दिया। कार्यवाही के दौरान एक महिला, जिसने खुद को पीड़ित होने का दावा किया। उसने अदालत को बताया कि 39 साल हो गए हैं और उन्हें अभी तक न्याय नहीं मिला है, और न्यायाधीश के सामने रो पड़ी।
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लगभग चार दशकों से दंगा पीड़ितों का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील एचएस फुल्का और अन्य अधिवक्ताओं ने उन्हें शांत किया। सुनवाई के दौरान सीबीआई ने टाइटलर की अर्जी का विरोध किया था। अदालत की अग्रिम जमानत यह सुनिश्चित करती है कि टाइटलर को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। एक लाख रुपये के जमानत बांड पर जमानत दी गई।
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