कोरोना के खिलाफ जंग में प्रतिस्पर्धा छोड़, तमाम मीडिया ग्रुप खड़े हुए साथ
मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है और पत्रकार समाज का दर्पण होते हैं, विपरीत परिस्थितियों में भी सच्चाई को सामने लाते हैं। ऐसे में पत्रकार और पत्रकारिता की भी कई जिम्मेदारियां होती हैं।
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जब देश का प्रधानमंत्री मीडिया पर इतना भरोसा जताए तो ऐसे में पत्रकारिता की जिम्मेदारी भी और बढ़ जाती है। प्रभासाक्षी की पूरी टीम ने कोरोना काल के इस दौर में प्रधानमंत्री द्वारा आहुत जनता कर्फ्यू के पालन करने का और कोरोना को हराने का संकल्प लिया है। वहीं प्रतिस्पर्धा के इस दौर में जहां चैनलों और अखबारों में टीआरपी और विज्ञापनों की होड़ लगी रहती है लेकिन कोरोना से जंग में सभी अखबार भी कंधे से कंधा मिलाकर एक साथ खड़े नजर आ रहे हैं। कोरोना को लेकर फेक न्यूज पर तमाम अखबारों ने एक साथ आकर बिना किसी प्रतिस्पर्धा के कोरोना से जुड़े प्रचार और अफवाहों के प्रति सावधान किया है।
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शराब पीने वालों को कोरोना वायरस नहीं होगा, कोरोना वायरस की दवा बाजार में आ गई है, लहसुन से कोरोना ठीक होगा जैसी कई खबरें आपने सोशल मीडिया अन्य किसी माध्यम से पढ़ी होंगी। लेकिन इस तरह की तमाम अफवाहों को झूठा बताते हुए हमारी और सभी मीडिया समूह की तरफ से अपील है कि अफवाहों पर न जाए। सोशल मीडिया पर फेक न्यूज इतनी तेजी से फैलता है जितनी तेजी से वायरस भी नहीं फैलता। इसलिए प्रमाणिकता बेहद अहम है। ऐसी किसी भी प्रकार की खबरों पर विश्वास न करें।
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कुल मिलाकर, अनिश्चितता से भरे इस समय में आपको यही कह सकते हैं कि थोड़ा रूकिए। जिन बातों की आप कहीं से भी पुष्टि नहीं कर सकते हैं, इसे शेयर करने से पहले ठहरिए। तब तक रूकिए, जब तक कि आपके भरोसे मंद माध्यम के जरिए सच आपके हाथों के क्लिक तक न पहुंच जाए।
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