कमलनाथ की गयी कुर्सी, निर्भया के दोषियों को मिली फाँसी, जनता कर्फ्यू को मिला समर्थन
राजनीतिक, सामाजिक रूप से यह सप्ताह बड़े घटनाक्रमों से भरा रहा। निर्भया को तब न्याय मिल गया जब उसके दोषियों को मृत्युदंड दे दिया गया। इसके अलावा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद से कमलनाथ ने इस्तीफा दे ही दिया और कोरोना वायरस के खिलाफ भारत की लड़ाई और तेज हो गयी।
इस सप्ताह के बड़े घटनाक्रमों की बात करें तो मध्य प्रदेश के राजनीतिक घटनाक्रम में शुक्रवार को उस समय बड़ा मोड़ आ गया जब मुख्यमंत्री पद से कमलनाथ ने इस्तीफा दे दिया। 15 साल से राज्य की सत्ता से बाहर रही कांग्रेस वर्ष 2018 में राज्य की सत्ता में वापसी करने में सफल रही थी लेकिन तीन गुटों की अंदरूनी खींचतान के चलते 15 महीने भी सरकार नहीं चल पाई। अब मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार क्या अपना कार्यकाल पूरा कर पायेगी और क्या कांग्रेस सार्थक विपक्ष की भूमिका निभा पायेगी यह देखने वाली बात होगी। भाजपा ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ मध्य प्रदेश में कितना आगे बढ़ती है इस पर भी सभी की नजरें रहेंगी।
दूसरी ओर निर्भया को सवा सात साल बाद मिले इंसाफ पर पूरा देश खुश नजर आ रहा है। निर्भया के दोषियों की मौत की सजा से बचने की तमाम तिकड़में काम नहीं आईं और उन्हें वह सजा आखिरकार मिल गयी जिसके वह हकदार थे। निर्भया के दोषियों को मिली फाँसी ने देश की बेटियों में नया आत्मविश्वास जगाया है। अब कार्यपालिका और न्यायपालिका को चाहिए कि कानून में ऐसे बदलाव करें ताकि निर्भया के वकील ने जिस तरह कानून को उलझाया वैसा कार्य कोई दूसरा नहीं कर सके और ऐसे जघन्य अपराधों के दोषी को दया याचिका दाखिल करने का अधिकार भी नहीं मिलना चाहिए।
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इसके अलावा कोरोना वायरस के खिलाफ भारत की लड़ाई और तेज हो गयी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता कर्फ्यू का जो आह्वान किया है उसको पूरे देश से समर्थन मिल रहा है। वाकई हम सभी को यह समझना होगा कि कोरोना वायरस खुद नहीं फैल रहा है बल्कि लोग इसे फैला रहे हैं। यह समय है जब सरकार के साथ खड़े होकर उसके द्वारा सुझाये जा रहे उपायों को अपनाते हुए हम कोरोना वायरस को फैलने से रोकें। हम सभी यदि इस दिशा में सार्थक योगदान दें तो यह मानव सेवा और देश सेवा का सबसे बड़ा कार्य होगा।
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