आपातकाल के दौरान एक महीने जेल में रहने वालीं 93 वर्षीय महिला ने मतदान किया

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इस उम्र में वोट डालने के लिए उन्हें किस बात ने प्रेरित किया, चितले ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, हालांकि मैं बुजूर्ग हूं, लेकिन मैं मतदान करना चाहती थी और मेरे परिवार ने इसमें मेरी मदद की।

आपातकाल के दौरान एक महीने जेल में रह चुकीं नागपुर की 93 वर्षीय अरुणा चितले ने बुधवार सुबह अपने मताधिकार का प्रयोग किया। महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीट के लिए सुबह सात बजे से मतदान जारी है।

चितले ने कहा कि वह बुजूर्ग हो सकती हैं, लेकिन बुढ़ापा उनके लिए लोकतांत्रिक अधिकार का उपयोग करने में कोई रुकावट नहीं है। नागपुर शहर के टाउन हॉल इलाके में एक मतदान केंद्र पर अपनी बहू के साथ पहुंचीं 93 वर्षीय अरुणा ने वोट डाला।

यह पूछे जाने पर कि इस उम्र में वोट डालने के लिए उन्हें किस बात ने प्रेरित किया, चितले ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, हालांकि मैं बुजूर्ग हूं, लेकिन मैं मतदान करना चाहती थी और मेरे परिवार ने इसमें मेरी मदद की।

चितले ने कहा कि लोगों को वरिष्ठ नागरिकों को वोट डालने में मदद करनी चाहिए और युवाओं को भी अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। चितले ने कहा कि 1975 में लगाए गए आपातकाल के दौरान वह एक महीने के लिए जेल में रही थीं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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