बच्चों को पढ़ाना हुआ बेहद महंगा, 1st Class में बेटी के पिता को देनी पड़ी 4 लाख रुपये से अधिक फीस, पिता ने शेयर की जानकारी
स्कूलों में माता पिता अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए भेजते है। यहां तक की इसके लिए पैरेंट्स अधिक फीस भी देने के लिए तैयार रहते है, मगर कुछ स्कूलों में फीस स्ट्रक्चर इतना अधिक होता है कि पैरेंट्स चाहकर भी उसे अफॉर्ड करने के बारे में नहीं सोच सकते है।
हर माता पिता की इच्छा होती है कि उनका बच्चा अच्छे से अच्छी शिक्षा हासिल कर सके। बच्चों को अच्छा पढ़ाने लिखाने के लिए माता पिता बेहतर से बेहतर प्राइवेट स्कूल में उनका एडमिशन करवाने से नहीं कतराते है। हालांकि आजकल प्राइवेट स्कूलों की फीस इतनी अधिक हो गई है कि मध्यम वर्ग के लिए उसे अफॉर्ड करना ही संभव नहीं हो पा रहा है।
स्कूलों में माता पिता अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए भेजते है। यहां तक की इसके लिए पैरेंट्स अधिक फीस भी देने के लिए तैयार रहते है, मगर कुछ स्कूलों में फीस स्ट्रक्चर इतना अधिक होता है कि पैरेंट्स चाहकर भी उसे अफॉर्ड करने के बारे में नहीं सोच सकते है। ऐसा ही एक मामला सोशल मीडिया पर एक यूजर ने शेयर किया है। इस पिता ने अपना दर्द साझा करते हुए बताया कि उनकी बेटी जिसका एडमिशन पहली कक्षा में हुआ है, उसकी फीस इतनी अधिक है कि उसे अफॉर्ड करना मुश्किल हो रहा है। जानकारी के मुताबिक यूजर ऋषभ जैन अपनी बेटी का पहली कक्षा में जयपुर के स्कूल में एडमिशन करवाना चाहते है। जिस स्कूल में वो एडमिशन करवाना चाहते हैं उसकी पूरे वर्ष की फीस 4.27 लाख रुपये बताई गई है।
इसकी जानकारी ऋषभ ने सोशल मीडिया पर शेयर की है। स्कूल का फीस स्ट्रक्चर शेयर करते हुए उन्होंने लिखा कि भारत में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की कीमत ये है। ये भी सोचना चाहिए कि क्या इसे वहन किया जा सकता है। चाहे कोई व्यक्ति 20 लाख रुपये प्रति वर्ष कमा रहा है। मेरी बेटी अगले वर्ष पहली कक्षा में एडमिशन लेगी। हम अपने शहर में जिन स्कूलों पर विचार कर रहे हैं उनमें से एक स्कूल का फीस स्ट्रक्चर ये है। कई अन्य अच्छे स्कूलों में भी इसी तरह की फीस है।
ऋषभ जैन ने अपने पोस्ट में स्कूल फीस का पूरा ब्यौरा शेयर किया है। इसके अनुसार रजिस्ट्रेशन फीस 2000, एडमिशन फीस- 40000, कॉशन मनी- 5000, एक साल की स्कूल फीस- 2,52,000, बस का किराया- 1,08,000, किताबें और यूनिफॉर्म- 20,000 रुपये है। ये पूरी फीस मिलाकर साल की 4,27,000 रुपये होती है।
उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति 20 लाख रुपये प्रति वर्ष कमा रहा है वो भी इतनी फीस शायद नहीं भुगतान कर सकता होगा। उन्होंने बताया कि 20 लाख रुपये कमाने वाले व्यक्ति की आय में से 50 प्रतिशत सरकार आयकर, जीएसटी, पेट्रोल पर वैट, रोड टैक्स, टोल टैक्स, प्रोफेशनल टैक्स, कैपिटल गेन, भूमि रजिस्ट्री शुल्क के तौर पर भुगतान करना होता है। इसके अलावा व्यक्ति टर्म इंश्योरेंस, स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम और वृद्धावस्था पेंशन के लिए पीएफ, एनपीएस का भुगतान भी करता है। उन्होंने कहा कि 20 लाख की आय पर आप उच्चतम 30% + सेस टैक्स ब्रैकेट में आती है जिसे सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिलता है।
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