मध्य प्रदेश विधानसभा का 4 दिन का मानसून सत्र डेढ़ दिन में ही हुआ खत्म,विपक्ष ने ओबीसी आरक्षण पर किया हंगामा

Vidhanasabha
सुयश भट्ट । Aug 10 2021 2:48PM

4 दिवसीय सत्र हंगामे के बीच डेढ़ दिन में ही समाप्त हो गया। हंगामा के बीच सरकार ने 12 विधेयक पेश किए और बगैर चर्चा के ही उन्हें पास कर दिया गया।

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा का 4 दिवसीय मानसून सत्र हंगामे से भरा रहा। 4 दिवसीय सत्र हंगामे के बीच डेढ़ दिन में ही समाप्त हो गया। हंगामा के बीच सरकार ने 12 विधेयक पेश किए और बगैर चर्चा के ही उन्हें पास कर दिया गया।

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आपको बता दें कि आदिवासी दिवस पर छुट्टी के मामले के बाद सत्र के दूसरे दिन सदन में कांग्रेस ने ओबीसी के 27 फीसदी आरक्षण पर हंगामा किया।कांग्रेस ने महंगाई के मुद्दे पर सदन में सरकार को घेरा और इसके साथ ही पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामों को लेकर कांग्रेस के विधायकों ने सदन में जमकर हंगामा किया। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंहगाई पर सदन में स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा किए जाने की मांग की। और इस मांग को विधानसभा अध्यक्ष ने अस्वीकार किया। इस हंगामे के बाद सदन को 12 बजे तक स्थगित कर दिया गया।

सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे दुबारा शुरु होते ही विपक्ष ने फिर जमकर हंगामा किया। कांग्रेस विधायक स्लोगन लिखे काले रंग के एप्रेन पहनकर सदन के भीतर पहुंचे। कांग्रेस विधायकों ने सदन में जमकर प्रदर्शन किया। इसके साथ ही कांग्रेस से विधायक कमलेश्वर पटेल ने दुबारा ओबीसी आरक्षण का मुद्दा उठाया।

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कांग्रेस के नारेबाजी बीच सरकार ने 6 विधेयक सदन में पेश किए और बिना किसी चर्चा के ही उन्हें पारित कर दिया। उधर कांग्रेस विधायकों ने ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर जमकर हंगामा किया। कांग्रेस विधायकों ने आसंदी का घेराव कर दिया। जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।

इसके बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ओबीसी आरक्षण के मामले पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पिछड़े वर्ग के साथ धोखा किया है। कांग्रेस के लोग कर क्या रहे थे। इन्होंने स्टे करवा दिया। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस पाखंड कर रही है।

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सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करते ही कांग्रेस विधायक नारेबाजी करते हुए बाहर निकले। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने कहा कि आदिवासियों को अपना उनका दिवस नहीं मनाने दिया। हमने कई प्रस्ताव रखे थे लेकिन किसी को स्वीकार नहीं किया गया। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने कोर्ट में गलत जवाब पेश किया है वुर इसी के कारण स्टे लगा। उन्होंने आगे कहा कि सरकार बाढ़ पर बात नहीं कर रही और ना ही कोविड पर ,सरकार आवाज दबाना चाहती है।

प्रदेश के मंत्री भूपेंद्र सिंह ने ओबीसी आरक्षण मामले में कहा कि कांग्रेस पार्टी ने 10 मार्च से 19 मार्च के बीच कोर्ट में कोई जवाब नहीं दिया। एक साल तक कांग्रेस ने सरकार मे रहते ओबीसी आरक्षण के लिए कुछ नहीं किया। सरकार की तरफ से वकीलों को खड़ा किया गया। हमने इस मुद्दे पर जोरदार पक्ष रखा। अगली सुनवाई में देश के बड़े वकील सरकार का पक्ष रखेंगे। 

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