मणिपुर में नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ 18 घंटे की हड़ताल खत्म, जनजीवन प्रभावित
पुलिस ने कहा कि मणिपुर पीपुल अगेन्स्ट सिटिजन अमेंडमेंट बिल (एमएएनपीएसी) और नॉर्थ ईस्ट फोरम फॉर इंडिजीनियस पीपुल्स(एनईएफआईपी) ने संयुक्त रूप से हड़ताल का आह्वान किया था।
इम्फाल। नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ मणिपुर में 18 घंटे की हड़ताल के दौरान मंगलवार को जनजीवन प्रभावित रहा। विधेयक को संसद के चालू शीतकालीन सत्र के दौरान पेश किया जा सकता है। पुलिस ने कहा कि मणिपुर पीपुल अगेन्स्ट सिटिजन अमेंडमेंट बिल (एमएएनपीएसी) और नॉर्थ ईस्ट फोरम फॉर इंडिजीनियस पीपुल्स(एनईएफआईपी) ने संयुक्त रूप से हड़ताल का आह्वान किया था।
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हालांकि मंगलवार शाम छह बजे खत्म हुई हड़ताल के दौरान किसी अप्रिय घटना की जानकारी नहीं मिली। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि हड़ताल के दौरान सभी कारोबारी प्रतिष्ठान, दुकानें, होटल और तेल डिपो आदि बंद रहे। बंद के दौरान कोई भी शैक्षिक संस्थान नहीं खुला। अंतर-राज्यीय और अंतर-जिला बसें नहीं चलीं। टैक्सी और ऑटोरिक्शा भी नदारद रहे। मणिपुर पुलिस ने बंद के दौरान इम्फाल पश्चिम जिले से एमएएनपीएसी के संयोजक युमन्नाचा दिलीपकुमार को उनके तीन सहयोगियों के साथ गिरफ्तार किया।
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इसी मुद्दे पर बंद के चलते नागालैंड में भी जनजीवन प्रभावित रहा। हालांकि गाड़ियों की आवाजाही सामान्य थी। सूत्रों से बताया कि कहीं से किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है। इस विवादित विधेयक को इस साल आठ जनवरी को लोकसभा ने पारित कर दिया था, लेकिन यह राज्यसभा में पेश नहीं किया जा सका और इसकी मियाद समाप्त हो गई। यह विधेयक सात साल तक भारत में रह चुके पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के हिन्दू, जैन, ईसाई, सिख, बौद्ध तथा पारसियों को भारतीय नागरिकता देने की बात कहता है, भले ही उनके पास कोई दस्तावेज नहीं हो।
Manipur: Women vendors of Khwairamband Keithel held a protest against the Citizenship Amendment Bill, in Imphal's Khwairamband Keithel, yesterday. pic.twitter.com/tKYAIGuSzR
— ANI (@ANI) November 19, 2019
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