मध्य प्रदेश में पन्द्रह दिवसीय किल-कोरोना अभियान का शुभारंभ

Kill-Corona campaign
दिनेश शु्क्ल । Jul 1 2020 10:47PM

मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि तीन माह पूर्व एक जांच लैब थी और सिर्फ 60 टेस्ट प्रतिदिन होते थे। अब हम प्रदेश में कोरोना की जांच के लिए 30 लैब विकसित करते हुए प्रतिदिन 9 हजार टेस्ट तक पहुँच गये हैं। प्रदेश का रिकवरी रेट 77 प्रतिशत है। यह अन्य प्रदेशों से अच्छा है। संक्रमण कम हो गया है।

भोपाल। देश में कोरोना के खिलाफ अपने तरह का मध्य प्रदेश सरकार ने विशेष अभियान छेड़ा है। जिसका शुभारंभ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को भोपाल में किया। राष्ट्रीय स्वास्थ्य दिवस से आगामी 15 दिवस तक संचालित होने वाले इस 'किल कोरोना' अभियान का समन्वय भवन भोपाल में शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना से जंग हम सबको मिलकर लड़ना है। हमारी जीत निश्चित है। हम सभी संकल्प लें कि मध्य प्रदेश को कोरोना मुक्त और रोगमुक्त बनायें। उन्होंने कोरोना के खात्मे के लिए किल-कोरोना अभियान में आमजन से सक्रिय सहयोग का आव्हान किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने 'सार्थक लाइट' एप का शुभारंभ किया। उन्होंने लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा प्रकाशित 'द स्ट्रेटेजी डाक्यूमेंट कोविड-19 रिस्पांस टू रिकवरी सस्टनेबल साल्यूशन' बुकलेट का भी लोकार्पण किया। वही मुख्यमंत्री चौहान ने कोरोना के प्रति जागरूकता लाने वाले आईईसी वाहनों को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। 

इसे भी पढ़ें: आनंदी बेन पटेल ने दूसरी बार ली मध्य प्रदेश के राज्यपाल पद की शपथ

मुख्यमंत्री चौहान ने स्वास्थ्य दिवस और डाक्टर्स-डे पर इस अभियान का शुभारंभ करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में चिकित्सकों और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ के समर्पित प्रयासों से कोरोना के नियंत्रण की वर्तमान स्थिति बनी है। डॉक्टर को भगवान माना जाता है। मध्य प्रदेश में भी इस मान्यता को चरितार्थ करते हुए चिकित्सकों ने इतिहास रचा है। उन्होंने दिन-रात लगातार संक्रमण से प्रभावित लोगों की सेवा की। बहुत से चिकित्सक रात्रि में अपने चार पहिया वाहन में ही सोये। कई चिकित्सकों ने अपने नवजात बच्चों का चेहरा भी नहीं देखा और अस्पताल में ड्यूटी पर बने रहने के कारण परिवार के सदस्यों से दूरी बनाये रखी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे चिकित्सक अभिनंदन के पात्र हैं। डॉक्टर्स के साथ ही नर्सिंग स्टाफ, वार्ड बॉय, अन्य स्वास्थ्य कर्मी, आंगनवाड़ी वर्कर और आशा बहनों ने भी सेवा का इतिहास रचा है। यह भावना न होती तो बीमारी विनाश की ओर ले जा सकती थी। मुख्यमंत्री ने स्वैच्छिक संगठनों का भी आभार माना। उन्होनें कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के चमत्कारिक नेतृत्व से जहाँ पूरे देश में कोरोना नियंत्रण में सफलता मिली है, वहीं मध्यप्रदेश में स्थिति अच्छी है। आईआईटीटी अर्थात आइडेंटिफिकेशन संदिग्धों और मरीजों की जल्द पहचान, आइसोलेशन संदिग्ध मरीजों के पृथक वास और पुष्ट मरीजों को अस्पतालों के पृथक वॉर्डों में भेजना, टेस्टिंग ज्यादा से ज्यादा नमूनों की जांच और इलाज की सुविधाएं बढ़ाने की रणनीति से रोग को नियंत्रित करने में सफलता मिली है।

मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि तीन माह पूर्व एक जांच लैब थी और सिर्फ 60 टेस्ट प्रतिदिन होते थे। अब हम प्रदेश में कोरोना की जांच के लिए 30 लैब विकसित करते हुए प्रतिदिन 9 हजार टेस्ट तक पहुँच गये हैं। प्रदेश का रिकवरी रेट 77 प्रतिशत है। यह अन्य प्रदेशों से अच्छा है। संक्रमण कम हो गया है। हमारी व्यवस्थाएं मजबूत हैं। हम निजी अस्पतालों का भी सहयोग ले रहे हैं। जिलों में आईसीयू बेड पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। इन्दौर और भोपाल में कोरोना को नियंत्रित करने में सफलता मिली है। घर-घर में सर्वे से अब कोरोना पूरी तरह नियंत्रित होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मुरैना क्षेत्र में धौलपुर से आने वाले व्यक्तियों की स्क्रीनिंग भी की जा रही है। अंतर्राज्यीय मार्ग, संक्रमण का कारण न बनें, इसके लिए सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

इसे भी पढ़ें: कमलनाथ ने भेजा बीजेपी नेताओं को मानहानि का नोटिस, कमलनाथ को बताया था चीनी एजेंट

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में लगभग एक हजार फीवर क्लिनिक कार्य कर रहे हैं। आज से प्रारंभ अभियान में कोविड मित्र बनाए जा रहे हैं। आमजन से आव्हान है कि कोविड मित्र बनकर अभियान में सहयोग करें। व्यापक सर्वे के माध्यम से प्रदेश का प्रत्येक परिवार कवर करते हुए रोगमुक्त मध्य प्रदेश का लक्ष्य पूरा करना है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि समय पर रोग की पहचान और उपचार से यह घातक नहीं हो पाता और व्यक्ति स्वस्थ हो जाता है। प्रत्येक व्यक्ति किल-कोरोना अभियान के अंतर्गत कोरोना के अलावा मलेरिया, डेंगू, डायरिया, सामान्य सर्दी-खांसी की जांच करवा कर इस जंग में विजयी होने में सहयोग प्रदान करें।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यह बात सही है कि अनंतकाल तक लॉक डाउन कायम नहीं रखा जा सकता था। आर्थिक गतिविधियां प्रारंभ करना भी बहुत आवश्यक था, लेकिन अनलॉक होने से लोग बाजारों में बहुत भीड़ न लगाएं। यह स्थिति खतरनाक हो सकती है। दिलों में दूरियाँ न हों लेकिन शरीर की दूरी रखनी पड़ेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम काढ़ा भूल गए थे। अब उसकी उपयोगिता समझ आई है। हमारे भारतीय नुस्खों ने कमाल किया है। थूकने की आदत भी खतरनाक है। स्वच्छता का ध्यान रखना होगा। सभी प्रदेशवासियों को हर व्यक्ति की जांच कराने का कार्य खुद आगे बढ़कर करना चाहिए। हम तभी इस लड़ाई को लड़ते हुए जीतेंगे और कोरोना हारेगा। मुख्यमंत्री ने मीडिया प्रतिनिधियों से भी कोरोना जागरुकता की दिशा में पूर्व में दिए गए सहयोग को बनाये रखते हुए भागीदारी का आव्हान किया। मुख्यमंत्री चौहान ने विभिन्न चिकित्सकों से भी बातचीत की और उनकी सेवाओं के लिए आभार माना। इन चिकित्सकों ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि यह उनका संकल्प है कि आमजन को स्वास्थ्य सेवाएं देने में कभी पीछे नहीं हटेंगे। 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़