हारे हुए नेता का कहना (व्यंग्य)

neta
Prabhasakshi
संतोष उत्सुक । May 29 2023 3:33PM

जब चुनी हुई सरकार के किसी नुमायंदे ने उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया तो हारे हुए नेता ने ज्यादा सख्त बयान दिया। उन्होंने कह डाला, शासक पार्टी के बंदों का, कुछ दिनों बाद, सड़क पर चलना मुश्किल हो जाएगा।

आम जनता ने सरकार को लोकतांत्रिक तरीके से चुना, पार्टी को स्पष्ट बहुमत दिया। घोड़ों का पारम्परिक व्यापार बंद रहा। महाजन गहरे घाटे में चले गए। सरकारें अगर स्पष्ट बहुमत से चुनी जाती रही तो सचमुच पैसा उगाऊ व्यापार का क्या होगा। सरकार बनी, मुख्य मंत्री तो बने ही, उप मुख्यमंत्री भी बनाए गए ताकि सरकार की सफलता के लिए पारम्परिक क्षेत्रीय, जातीय, पक्ष संतुलन बना रहे। सत्ता जाने का दुःख बहुत चुभने वाला होता है। कितनी स्पष्ट और उससे ज़्यादा अस्पष्ट सुविधाएं छिन जाती हैं। 

ताज़ा सरकार बारे, हारे हुए नेता का कहना है कि इनको राजनीति करनी नहीं आती। यह सरकार कुछ दिन बाद अपने ही बोझ से गिर जाएगी। कुछ दिन तो ऐसे कहा मानो अगले शनिवार को यह सरकार गिर जाएगी। अगला बयान आया, यह सरकार ज्यादा दिन नहीं चलने वाली। उनके हिसाब किताब से लगभग 1825 दिन के लिए चुनी गई सरकार 188 दिन तक ही चल पाएगी। रविवार को शांत रहकर सोमवार को दावा किया कि पांच वर्ष से पहले ही हमारी पार्टी सत्ता पर काबिज़ होगी।

इस खतरनाक कथन से लगा, केन्द्रीय सरकार से उनकी संजीदा बातचीत चल रही है। फिर एक दिन जनसभा की, उसमें आए कुछ दर्जन लोगों से कहा, इन्हें सरकार चलानी नहीं आती। यह सरकार बदले की भावना से कार्य कर रही है। हमारी पार्टी की सरकार ने आज तक, बदले की भावना से कोई कार्य नहीं किया। भोली भाली जनता ठगा ठगा महसूस कर रही है। बिना चुनाव लडे ख़ास लोगों को केबिनेट स्तर का रुतबा दिया है। हम सरकार बनाते ही इस अनुभवहीन सरकार के कामकाज को रिव्यू करेंगे।

इसे भी पढ़ें: नो पेंशन...ऑन्ली डिप्रेशन (व्यंग्य)

जब चुनी हुई सरकार के किसी नुमायंदे ने उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया तो हारे हुए नेता ने ज्यादा सख्त बयान दिया। उन्होंने कह डाला, शासक पार्टी के बंदों का, कुछ दिनों बाद, सड़क पर चलना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने यह नहीं बताया कि अंदाज़न कितने दिनों बाद ऐसा होने वाला है। उनसे रहा नहीं गया, कुछ दिन बाद बोले हमारी विचारधारा नहीं हारी है, सरकार की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है।

उन्होंने हार का ठीकरा चुनाव आयोग, ईवीएम, दुर्भाग्य और बारिश वगैरा पर फोड़ते हुए कहा कि इनकी पार्टी ने धन, बल और शराब के माध्यम से चुनाव प्रभावित किया। नैतिकता की ह्त्या कर दी है। उन्होंने चुनाव हारकर भी, सहयोग के लिए सभी का धन्यवाद किया। कहा, अब हम विपक्ष की रचनात्मक भूमिका निभाएंगे। उन्होंने वोट न देने वालों को रोजाना मनपसंद गालियां देते हुए भगवान से अनुरोध किया कि एक बार उनकी, एक बार हमारी सरकार बनने का आशीर्वाद दें।

  

जनता ने विकास को अनदेखा कर, हमें धोखा देकर इस सरकार को बनाया है। भगवान कुछ ऐसी विकट परिस्थितियां पैदा करें कि सरकार ठीक से काम न कर सके, इनकी पार्टी में गतिरोध पैदा हो जाए, बीमारी फैल जाए और जनता दुखी हो जाए। जल्दी नहीं तो पांच साल बाद तो चुनाव हार ही जाएं और हमारी सरकार आ जाए। 

जब सरकार कई महीने तक सुचारू चलती रही तो उन्हें एहसास हुआ कि यह सरकार तो पांच साल निकाल लेगी और वे सचमुच चुनाव हार गए हैं। अब उन्होंने महात्मा बुद्ध के बताए मध्य मार्ग पर नंगे पांव चलना शुरू कर दिया है।

- संतोष उत्सुक

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़