Surya Arghya Rules: रोजाना सूर्य को अर्घ्य देते समय इन नियमों का जरूर करें पालन, पूजा का मिलेगा दोगुना फल

Surya Arghya Rules
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रोजाना सूर्य देव को जल अर्पित करने से न सिर्फ मानसिक शांति और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। साथ ही इससे स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिति बेहतर बनी रहती है। आज हम आपको सूर्य देव को जल अर्पित करने के सही नियम और विधि के बारे में बताने जा रहे हैं।

हिंदू संस्कृति और धार्मिक परंपराओं में सूर्य देव को विशेष स्थान प्राप्त है। सूर्य देव को रोजाना जल अर्पित करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, सफलता और समृद्धि आती है। हालांकि ज्योतिष शास्त्र में सूर्य देव को अर्घ्य देने के कुछ विशेष नियम बताए गए हैं। इन नियमों का पालन करने से पूजा का प्रभाव कई गुना तक बढ़ जाता है। अगर आप सूर्य देव को सही तरीके अर्घ्य देते हैं, तो इससे हमेशा जातक पर सूर्य देव की कृपा दृष्टि बनी रहती है। रोजाना सूर्य देव को जल अर्पित करने से न सिर्फ मानसिक शांति और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। साथ ही इससे स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिति बेहतर बनी रहती है। ऐसे में अगर आप भी रोजाना सूर्य देव को अर्घ्य देने हैं या पूजा को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहते हैं। तो आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको सूर्य देव को जल अर्पित करने के सही नियम और विधि के बारे में बताने जा रहे हैं।

सिर झुकाकर दें अर्घ्य

सूर्य देव को जल अर्पित करते समय आपका सिर झुका होना चाहिए। इस दौरान सूर्य की ओर सीधा न देखें। शास्त्रों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि सूर्य की सीधी किरण आपकी आंखों पर बुरा असर डाल सकती है। सिर झुकाकर सूर्य देव को जल देने से स्वास्थ्य को भी फायदा मिलता है। इससे मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन भी बना रहता है। साथ ही यह यह सूर्य देव को सम्मान देने का एक तरीका माना जाता है।

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दाहिने पैर की एड़ी को हवा में रखें

सूर्य देव को जल अर्पित करने के दौरान दाहिने पैर की ए़ड़ी को हवा में रखना चाहिए। शास्त्रों के मुताबिक ऐसा करने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और यह जीवन में खुशहाली लाता है। नियमित रूप से सूर्य पूजा करना आध्यात्मिक दृष्टि से भी प्रभावी माना जाता है। इसलिए ध्यान रखें कि जल अर्पित करने के दौरान आपका दाहिना पैर जमीन को न छुएं।

तांबे के लोटे से दें अर्घ्य

सूर्य देव को अर्घ्य देते समय तांबे के लोटे का इस्तेमाल करना चाहिए। धार्मिक शास्त्रों में तांबे को पवित्र धातु माना जाता है और पूजा में इसका इस्तेमाल करने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। तांबे के लोटे से जल अर्पित करने से पूजा पूर्ण होती है और यह मनोकामना भी पूरी करने में भी सहायक होती है।

गायत्री मंत्र या सूर्य मंत्र का करें जाप

सूर्य देव को जल अर्पित करने के दौरान गायत्री मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है। सूर्य देव को जल देते समय कम से कम 10 बार गायत्री मंत्र या फिर ओम सूर्याय नमः मंत्र का उच्चारण करें। इससे सूर्यदेव की कृपा प्राप्त होने के साथ जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं और यह मंत्र मानसिक शांति व आध्यात्मिक बल देता है।

सूर्य को अर्घ्य देने के फायदे

सूर्यदेव को रोजाना जल अर्पित करना न सिर्फ धार्मिक कर्म है, बल्कि यह कई स्वास्थ्य और मानसिक लाभ भी देता है।

धन और समृद्धि में वृद्धि

रोजाना सूर्य को जल चढ़ाने से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। अगर आप व्यवसाय या नौकरी में सफलता पाने के लिए सूर्य को जल अर्पित करते समय जल में एक चुटकी हल्दी मिलाएं। इस उपाय से नौकरी-व्यापार में लाभ होता है और ग्रहों की स्थिति भी बेहतर होती है।

सूर्य को अर्घ्य देने से मिलती है मानसिक शांति

अगर आप सूर्यदेव की रोजाना पूजा करता है और पूजा के दौरान सूर्यदेव के मंत्रों का जाप करते हैं। इससे आपको मानसिक शांति और स्थिरता मिलती है। यह ध्यान और योग के समान ही लाभकारी माना जाता है। सूर्यदेव को रोजाना जल अर्पित करने से आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा में बढ़ोत्तरी होती है और व्यक्ति कठिन से कठिन परिस्थिति में भी नहीं घबराता है।

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