Akshaya Tritiya 2025: कब मनाई जाएगी अक्षय तृतीया, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

Akshaya Tritiya 2025
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हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया तिथि का महत्व विशेष माना जाता है। अक्षय तृतीया पर अबूझ मुहू्र्त होता है। इस दिन किसी भी समय शुभ कार्य किए जाते हैं। इस शुभ तिथि पर सोना, संपत्ति, भवन और गाड़ी खरीदना शुभ होता है। नए कार्य करना मंगलकारी होता है। आइए आपको बताते हैं कब है अक्षय तृतीया और इसका महत्व क्या है?

वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया मनाई जाती है। हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया विशेष महत्व माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन दान-पुण्य और अच्छा कार्यों का क्षय नहीं होता है। ज्योतिष के अनुसार, अक्षय तृतीया पर अबूझ मुहूर्त होता है, इस दिन शुभ कार्य किए जाते हैं। अक्षय तृतीया पर सोना, संपत्ति, भवन और गाड़ी खरीदना शुभ होता है। अक्षय तृतीया पर माता लक्ष्मी की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से व्यक्ति को अक्षय धन की प्राप्ति होती है और घर में सुख-समृद्धि बनीं रहती है। आइए आपको बताते हैं शुभ मुहूर्त और इसका महत्व

अक्षय तृतीया कब मनाई जा रही है?

हिंदू पंचांग के अनुसार, 29 अप्रैल को शाम 5:32 बजे से तृतीया तिथि शुरु होगी और 30 अप्रैल को दोपहर 2.13 बजे तक तृतीया तिथि रहेगी। उदया तिथि के अनुसार, अक्षय तृतीया 30 अप्रैल, दिन बुधवार को मनाई जाएगी। अक्षय तृतीया के दिन अबूझ मुहूर्त होता है इसलिए इस दिन आप कोई भी शुभ कार्य कर सकते हैं। शास्त्रों में इसे युगादि तिथि कहा गया है, यानी इस दिन युग की शुरुआत हुई थी इसलिए इस दिन कोई मुहूर्त दोष नहीं माना जाता है।

अक्षय तृतीया का मुहूर्त क्या है?

वैसे तो अक्षय तृतीया दोपहर 2.13 बजे समाप्त हो जाएगी। उदया तिथि के अनुसार पूरे दिन अक्षय तृतीया का महत्व रहने वाला है।  लेकिन आप दोपहर 2.13 बजे तक उत्तम मुहूर्त तक ही धर्म-कर्म, खरीदारी, दान-पुण्य और नया काम शुरु के लिए बेस्ट रहेगा।

अक्षय तृतीया का महत्व

धार्मिक मान्यता के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन धरती पर गंगा मैया का अवतरण हुआ था। इसी दिन से सतयुग, द्वपरयुग, त्रैतायुग की शुरुआत की गणना की जाती है। इतना ही नहीं, इस दिन भगवान विष्णु के दशावतार में से छठे रुप में भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। इसके अतिरिक्त, अक्षय तृतीया के दिन से उत्तराखंड में स्थित चार धामों की यात्रा भी शुरु होती है। गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खोले जाते हैं। माना जाता है कि अक्षय तृतीया तिथि पर किए गए कार्यों में दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ोतरी होती है। इस दिन पाप कर्म नहीं करना चाहिए। 

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