Lawrence Bishnoi से क्यों कांप रहे खालिस्तानी? जेल में बैठकर एक गैंगस्टर ने ट्रूडो सरकार को हिला दिया, अगर भारत नाराज हो जाए तो क्या होगा
कनाडा के बैंकूवर के घर पर कुछ लोग आ गए थे। पहले घर के बाहर एक पिकअप ट्रक में आग लगाई गई। फिर दनादन गोलियां चलाई गई। इस गोली कांड की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई और रोहित गोदारा के गैंग ने ली थी। इससे पहले खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भी बिश्नोई गैंग पर आरोप लगाया गया था।
खालिस्तान समर्थक कनाडा की ट्रूडो सरकार के खालिस्तानी कनेक्शन अब कोई नई बात नहीं रह गई है। खालिस्तानियों की मौजूदगी की बात खुद कनाडा की पुलिस ने स्वीकार करते हुए ये माना भी कि इन्हें लॉरेंस बिश्नोई से खतरा भी है। अब सवाल उठने लगे हैं कि आखिर कनाडा में लॉरेंस बिश्नोई का नाम खालिस्तानियों से क्यों जोड़ा जा रहा है। लॉरेंस बिश्नोई खालिस्तानियों के लिए खतरा बताया जा रहा है। सबसे बड़ा सवाल ये कि क्या वाकई लॉरेंस बिश्नोई की पॉवर इतनी बढ़ गई है कि अब आतंकी खालिस्तानी भी उससे खौफ खाने लगे हैं। कनाडा में लॉरेंस बिश्नोई का नाम सितंबर के महीने में सुर्खियों में बना था। जब पंजाबी सिंग एपी ढिल्लो के कनाडा वाले घर पर फायरिंग हुई थी। कनाडा के बैंकूवर के घर पर कुछ लोग आ गए थे। पहले घर के बाहर एक पिकअप ट्रक में आग लगाई गई। फिर दनादन गोलियां चलाई गई। इस गोली कांड की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई और रोहित गोदारा के गैंग ने ली थी। इससे पहले खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भी बिश्नोई गैंग पर आरोप लगाया गया था।
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18 जून 2023 को कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में निज्जर को गोलियां मारी गई थी। निज्जर गुरुद्वारे से निकलकर पार्किंग की तरफ जा रहा था। तब तभी हमलावर आकर निज्जर पर दनादन गोलियां दाग दी थी। कनाडा में खालिस्तानियों पर हो रहे हमले और सीधे कनाडा पुलिस की जुबान पर लॉरेंस बिश्नोई का नाम आना ये बताता है कि खालिस्तानी और उन्हें शह देने वाली सरकार के अंदर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का डर है। कनाडा की पुलिस आरोप लगा रही थी कि भारत लॉरेंस बिश्नोई गैंग के साथ मिलकर कनाडा में अपराध करवा रहा है। कनाडा के लोगों पर हमला करवा रहा है। इसके बाद एक पत्रकार ने कनाडा की पुलिस से सवाल पूछा कि क्या ये हमले सिर्फ सिखों पर हो रहे हैं या फिर खालिस्तानियों पर? इसके जवाब में पुलिस ने कहा कि भारत ये हमले सिखों पर नहीं खालिस्तानियों पर करवा रहा है। यानी खालिस्तानियों की वजह से ही कनाडा ने भारत के साथ ये कूटनीतिक टकराव शुरू कर दिया है।
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वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट ने दावा किया है कि खालिस्तान समर्थक अलगाववादी हस्तियों को कथित तौर पर निशाना बनाने को लेकर भारत और कनाडा के बीच राजनयिक गतिरोध के बीच, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने पिछले हफ्ते सिंगापुर में अपने कनाडाई समकक्ष के साथ एक गुप्त बैठक की थी। बैठक में कनाडाई अधिकारियों ने कथित सबूतों को रेखांकित किया कि भारत ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और सिख अलगाववादियों पर हमलों को अंजाम देने के लिए लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के नेटवर्क को शामिल किया था। अमेरिका स्थित अखबार की रिपोर्ट अनाम कनाडाई अधिकारियों की टिप्पणियों पर आधारित है। दिलचस्प बात यह है कि जून 2022 में, भारतीय उच्चायोग ने गायक सिद्धू मूस वाला की हत्या के बाद पंजाब में हिंसक अपराधों में उसकी धरती से सक्रिय गैंगस्टरों के शामिल होने के बारे में कनाडा को सचेत किया था। मूस वाला की हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली थी।
आरसीएमपी आयुक्त माइक डुहेम ने आरोप लगाया कि कनाडा में भारतीय राजनयिकों और वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों का संबंध कनाडा के स्थानीय निवासियों और वहां रहने वाले लोगों के खिलाफ हत्याओं तथा जबरन वसूली, धमकी एवं बल पूर्वक अपराध जैसे कृत्यों से रहा है। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि राष्ट्रीय पुलिस बल को महसूस हुआ कि कनाडा में काम कर रहे इस नेटवर्क को खत्म करने के लिए लोगों का खुलकर आगे आना जरूरी है। उन्होंने इसे देश की सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा बताया।
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