Lawrence Bishnoi से बात करनी है तो आना होगा गुजरात, क्या है अमित शाह का वो फैसला, जिससे पूछताछ के लिए भी नहीं मुंबई पुलिस नहीं ले जा सकती बाहर

Lawrence Bishnoi से
ANI
अभिनय आकाश । Oct 15 2024 1:01PM

इस साल अप्रैल में सलमान खान के आवास पर गोलीबारी की घटना में उसकी कथित संलिप्तता सामने आने के बाद, मुंबई पुलिस ने कई आवेदन दायर किए लेकिन कुख्यात गैंगस्टर को हिरासत में लेने में सफल नहीं हो सकी। मुख्य कारण केंद्रीय गृह मंत्रालय का एक आदेश है, जो बिश्नोई को अहमदाबाद की साबरमती जेल से स्थानांतरित करने पर रोक लगाता है।

मुंबई के पूर्व विधायक, महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री, अजित पवार गुट की पार्टी एनसीपी के नेता जिनकी बांद्रा में गोली मारकर हत्या कर दी जाती है। बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने कत्ल की जिम्मेदारी ली है। घटना के 10 घंटे बाद फेसबुक पर एक पोस्ट किया गया और इस हमले की जिम्मेदारी ली गई। इस पोस्ट में लिखा गया है कि सलमान खान और दाऊद इब्राहिम का जो भी साथ देगा उनसे हम बदला लेंगे। उन्हें मौत के घाट उतारेंगे। देखते ही देखते मीडिया में बिश्नोई गैंग को लेकर सनसनीखेज कहानियां तैरने लगी।  कहा जा रहा है कि बिश्नोई से मुंबई पुलिस पूछताछ कर सकती है। वर्तमान में लॉरेंस गुजरात के अहमदाबाद में साबरमती सेंट्रल जेल में बंद है। इस साल अप्रैल में सलमान खान के आवास पर गोलीबारी की घटना में उसकी कथित संलिप्तता सामने आने के बाद, मुंबई पुलिस ने कई आवेदन दायर किए लेकिन कुख्यात गैंगस्टर को हिरासत में लेने में सफल नहीं हो सकी। मुख्य कारण केंद्रीय गृह मंत्रालय का एक आदेश है, जो बिश्नोई को अहमदाबाद की साबरमती जेल से स्थानांतरित करने पर रोक लगाता है। 

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क्या है वजह

अगस्त 2023 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बड़ा कदम उठाते हुए कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की गतिविधियों पर प्रतिबंध को बढ़ा दिया था। ये निर्णय लॉरेंस बिश्नोई के आपराधिक रिकॉर्ड को देखते हुए लिया गया था। ये प्रतिबंध अगस्त 2025 तक लागू रहेगा। 2023 की भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 303 (सीआरपीसी की धारा 268) के प्रावधानों के अनुसार इसे लगाया गया है। 

 क्या कहती है धारा 303?

भारतीय नागरिक  सुरक्षा संहिता यानी बीएनएसएस को भारत में मौजूदा आपराधिक कानून ढांचे को आधुनिक बनाने और अपडेट करने के लिए पेश किया गया है। नए कानूनी प्रावधानों का उद्देश्य कानून व्यवस्था को और अधिक सशक्त करना है। बीएनएसएस की धारा 303 के तहत सरकार को ये अधिकार है कि वो सुरक्षा औऱ सार्वजनिक सुरक्षा बनाए रखने के लिए किसी कैदी की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा सके। ये धारा सीआरपीसी की पुरानी धारा 268 से मिलती जुलती है। इसके तहत कैदी को जेल से बाहर ले जाने पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। 

जेल परिसर में ही पूछताछ

डीआइजी श्रीमाली के मुताबिक, अगर कोई पुलिस या एजेंसी उनसे पूछताछ करना चाहती है तो उन्हें न्यायिक आदेश देना होगा और उनके संबंध में कोई भी जांच जेल परिसर में ही की जानी चाहिए। हमें हाल ही में ऐसा कोई अनुरोध नहीं मिला है। जबकि गुजरात पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि या खंडन करने से इनकार कर दिया कि क्या बिश्नोई को जेल में एक अलग सेल में रखा जा रहा। अधिकारियों ने पुष्टि की कि वह अहमदाबाद में जेल सुविधा में किसी अन्य विचाराधीन कैदी के अधिकारों का प्रयोग जारी रखा। 

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