Chai Par Sameeksha: Haryana, Jammu-Kashmir में हार के बाद Congress का Maharashtra, Jharkhand में क्या होगा
नीरज दुबे ने कहा कि भाजपा की जो रणनीति थी वह सबको साथ लेकर चलने की थी और भाजपा ने इस बार लोकसभा चुनाव की तरह दुष्प्रचार को हावी नहीं होने दिया। राहुल गांधी ने जलेबी वाला मुद्दा उठाया तो भाजपा ने उसको भुनाने की कोशिश की।
प्रभासाक्षी के खास साप्ताहिक कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में इस सप्ताह हमने हरियाणा और जम्मू कश्मीर चुनाव नतीजों का विश्लेषण किया। साथ ही साथ कांग्रेस की वर्तमान स्थिति पर भी चर्चा की। इस दौरान हमने यह समझने की भी कोशिश की कि हरियाणा और जम्मू कश्मीर चुनाव के प्रदर्शन के बाद भाजपा की आत्मविश्वास में किस तरीके की वृद्धि हुई होगी। नीरज दुबे ने हमारे सवालों का जवाब देते हुए कहा कि इसमें कोई दोराय नहीं है कि जम्मू कश्मीर और हरियाणा में जिस तरीके से नतीजे सामने आए हैं, उसके बाद भाजपा कार्यकर्ताओं के हौसले बुलंद है और महाराष्ट्र और झारखंड में भी उनके आत्मविश्वास में बढ़ोतरी हुई होगी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जो बार-बार यह दावा करते थे कि हमने नरेंद्र मोदी को झुका दिया, ऐसे में यह चुनाव परिणाम बता रहे हैं कि नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता कम नहीं हुई है। नरेंद्र मोदी का जलवा अभी भी कायम है।
नीरज दुबे ने कहा कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव में 99 सीटों पर जीत हासिल की थी। लेकिन यह कांग्रेस की लगातार लोकसभा चुनाव में तीसरी बड़ी हार है क्योंकि पार्टी इस बार भी तिहाई का आंकड़ा नहीं छू सकी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी पर बड़बोलापन हावी हो गया है और कहीं ना कहीं वह मोहब्बत की दुकान के बात करते हैं, लेकिन उनके बातों में तीखापन है, मोदी के खिलाफ सिर्फ नभरत हैं। यह सिर्फ राहुल गांधी ही नहीं, मल्लिकार्जुन खड़गे भी तरीके से बयान दे रहे हैं उसे से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि मोदी और भाजपा को लेकर कांग्रेस आलाकमान के मन में कितनी नफरत है। यही कारण है कि जनता ने नफरत को हराया है। मोहब्बत को स्वीकार किया है।
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नीरज दुबे ने कहा कि भाजपा की जो रणनीति थी वह सबको साथ लेकर चलने की थी और भाजपा ने इस बार लोकसभा चुनाव की तरह दुष्प्रचार को हावी नहीं होने दिया। राहुल गांधी ने जलेबी वाला मुद्दा उठाया तो भाजपा ने उसको भुनाने की कोशिश की। नीरज दुबे ने कहा कि इस बार भाजपा ने राष्ट्रीय मुद्दों पर नहीं, बल्कि हरियाणा में स्थानीय मुद्दों पर चुनाव लड़ा है। साथ ही साथ जातीय समीकरणों को साधा है। वहीं, कांग्रेस में बिखराव था। कांग्रेस के नेता आपस में ही लड़ रहे थे। हरियाणा में कांग्रेस की कमान संभाल रहे भूपेंद्र सिंह हुड्डा चाहते थे कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी हरियाणा में चुनाव प्रचार करने ना आए। लेकिन ऐसा हो नहीं सका। भाजपा ने रणनीति के तहत दोनों चुनाव लड़ा है और भाजपा को इसमें फायदा भी हुआ है।
महाराष्ट्र और झारखंड को लेकर नीरज दुबे ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा। राजनीति लोकसभा चुनाव के बाद बदली थी। वह एक बार फिर से यू टर्न ले चुकी है। हरियाणा में प्रेशर भाजपा पर था। लेकिन इस प्रेशर को भाजपा ने हैंडल किया और जबरदस्त जीत हासिल की जिसके बाद अब विपक्ष के ऊपर महाराष्ट्र और झारखंड में प्रेशर आ गया है। कांग्रेस के लिए स्थिति इसलिए खराब हो गई है क्योंकि उसके सहयोगी दल अब आंख दिखाने लगे हैं। कांग्रेस अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो पा रही है और उसके बैसाखी लगातार उसके आंख दिखा रहे हैं। कांग्रेस अकेले चलने की कोशिश कर रही है। यही कारण है कि सहयोगी दल उनसे नाराज चल रहे हैं।
- अंकित सिंह
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