क्यों अहम हो सकता है अमेरिकी NSA जैक सुलिवन का दौरा? ट्रंप के शपथग्रहण से पहले क्या कोई बड़ा मैसेज लेकर भारत आ रहे
सुलिवन के सोमवार को अपने भारतीय समकक्ष अजीत डोभाल के साथ बातचीत करने के अलावा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर से मिलने की उम्मीद है। पिछले हफ्ते वाशिंगटन डीसी की अपनी यात्रा के दौरान, जयशंकर ने सुलिवन के साथ-साथ उनके संभावित उत्तराधिकारी, अमेरिकी कांग्रेसी माइकल वाल्ट्ज से भी मुलाकात की।
अमेरिकी एनएसए जेक सुलिवन 6 जनवरी को भारत आएंगे। वह NSA अजीत डोभाल से भी मिल सकते है। वह इनीशिएटिव फॉर क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी (ICET) पर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे, जो उभरती टेक्नॉलजी में दोनों देशों के बीच पहल का प्रतिनिधित्व करता है। सुलिवन निवर्तमान अमेरिकी प्रशासन में सबसे प्रभावशाली और प्रमुख अधिकारियों में से एक रहे हैं। उन्होंने दुनिया भर में संघर्षों - रूस-यूक्रेन युद्ध, गाजा में इज़राइल का युद्ध और ईरान के साथ तनाव, और चीन की बढ़ती मुखरता के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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सुलिवन के सोमवार को अपने भारतीय समकक्ष अजीत डोभाल के साथ बातचीत करने के अलावा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर से मिलने की उम्मीद है। पिछले हफ्ते वाशिंगटन डीसी की अपनी यात्रा के दौरान, जयशंकर ने सुलिवन के साथ-साथ उनके संभावित उत्तराधिकारी, अमेरिकी कांग्रेसी माइकल वाल्ट्ज से भी मुलाकात की। आने वाले ट्रम्प प्रशासन के साथ यह पहला उच्च स्तरीय संपर्क था। सुलिवन की यात्रा का एक हिस्सा बिडेन प्रशासन द्वारा शुरू की गई प्रमुख पहलों में से एक, iCET (क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज के लिए यूएस-इंडिया पहल) की रक्षा करना होगा, जिसमें डोभाल और सुलिवन को तकनीकी और रणनीतिक डोमेन पर बातचीत का नेतृत्व करने के लिए मिला है। एआई से लेकर क्वांटम कंप्यूटिंग तक, अर्धचालक से लेकर अंतरिक्ष तक।
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भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से भी इस बाबत प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा गया कि अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलेवान भारत की यात्रा पर आने वाले हैं। उनकी मुलाकात भारत के एनएसए अजित डोभाल से होगी। अमेरिका और भारत का रिश्ता इतना बड़ा है कि इसमें लगातार दोनों देशों के बीच चीजें चलती रहती हैं।
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