Hezbollah का नया चीफ कौन, जिसे अमेरिका ने सालों पहले किया था बैन
रॉयटर्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि इसकी शूरा काउंसिल ने 71 वर्षीय कासिम को महासचिव चुना है। हिजबुल्ला ने नसरल्ला की नीतियों को तब तक जारी रखने का संकल्प लिया है, जब तक जीत हासिल नहीं हो जाती। ऐसे में आइए आपको बताते हैं कि आखिर कासिम कौन है और इजराइल-फिलिस्तीन जंग के इस पड़ाव पर उसके कमान संभालने से क्या असर पड़ेगा।
हसन नसरल्लाह की मौत के बाद से ही इस बात को लेकर चर्चा तेज थी कि अब लेबनान स्थित चरमपंथी संगठन हिजबुल्लाह का अगला चीफ कौन होगा? अब आतंकी संगठन के नए प्रमुख को लेकर खबर आ गई है। हिजबुल्लाह ने घोषणा की कि उप महासचिव नईम कासिम नए प्रमुख होंगे। इजरायल के एयर स्ट्राइक में हसन नसरल्लाह के मारे जाने के एक महीने बाद आतंकी संगठन की तरफ से ये बड़ा कदम उठाया गया है। रॉयटर्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि इसकी शूरा काउंसिल ने 71 वर्षीय कासिम को महासचिव चुना है। हिजबुल्ला ने नसरल्ला की नीतियों को तब तक जारी रखने का संकल्प लिया है, जब तक जीत हासिल नहीं हो जाती। ऐसे में आइए आपको बताते हैं कि आखिर कासिम कौन है और इजराइल-फिलिस्तीन जंग के इस पड़ाव पर उसके कमान संभालने से क्या असर पड़ेगा।
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नसरल्ला सरीखे करिश्मे की कमी
इजराइली हमले के दौरान नसरल्ला की मौत के बाद सफेद पगड़ी पहना भूरी दाढ़ी वाला मौलवी कासिम अक्सर लेबनानी आतंकवादी समूह का सार्वजनिक चेहरा रहा है। कासिम हिजबुल्ला के संस्थापक सदस्यों में से एक है, लेकिन समर्थकों का मानना है कि उसमें (कासिम) न तो नसरल्ला सरीखा करिश्मा है और न ही उसके जैसे भाषण देने का कौशल। इस महीने की शुरुआत में एक टेलीविजन संबोधन में कासिम ने दावा किया था कि नसरल्ला की हत्या के बाद भी हिजबुल्ला की सैन्य क्षमताएं बरकरार हैं। कासिम ने इजराइलियों को चेतावनी दी थी कि लड़ाई जारी रहने पर उन्हें और नुकसान होगा।
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अमेरिका ने लगाया है प्रतिबंध
अमेरिका ने कासिम पर प्रतिबंध लगाया है। अमेरिका हिजबुल्लाह को एक आतंकवादी समूह मानता है। कासिम की नियुक्ति कोई आश्चर्य की बात नहीं है, क्योंकि वह 32 वर्षों तक नसरल्ला के डिप्टी के रूप में काम कर चुका है और लंबे समय से हिजबुल्लाह का सार्वजनिक चेहरा भी रहा है, जो स्थानीय और विदेशी मीडिया संगठनों को साक्षात्कार देता आया है। हिजबुल्ला के करीबी लेबनानी विश्लेषक कासिम कासिर ने कहा कि यह लेबनान और विदेश के लिए एक संदेश है कि हिजबुल्ला ने खुद को पुनर्गठित किया है। कासिर ने कहा कि कासिम की नियुक्ति से पता चलता है कि हिजबुल्ला खुद ही अपना संचालन कर रहा है और जैसा कि कुछ लोगों ने बताया है, ईरान के अर्धसैनिक रिवोल्यूशनरी गार्ड के सलाहकार अब समूह के प्रभारी नहीं हैं।
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