कश्मीर मुद्दे पर स्वीडन के राजा ने नहीं दिया कोई जवाब, कहा- यह एक राजनीतिक मुद्दा
स्वीडन के राजा कार्ल गुस्ताफ ने कहा कि जम्मू कश्मीर में कई वर्षों से उनके देश के पर्यवेक्षक रहे हैं। उल्लेखनीय है कि स्वीडन का शाही जोड़ा भारत की पांच दिनों की यात्रा पर है। शाही दंपती ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की।
मुंबई। स्वीडन के राजा कार्ल गुस्ताफ ने यहां बुधवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में कई वर्षों से उनके देश के ‘‘पर्यवेक्षक’’ रहे हैं। कश्मीर में शेष पाबंदियों को हटाने की स्वीडन की अपील से जुड़ी खबरों को लेकर यह टिप्पणी आई है। जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के केंद्र सरकार के फैसले के बाद अगस्त में ये पाबंदियां लगाई गई थी। गुस्ताफ ने यहां पत्रकारों के एक समूह से कहा कि हम कह सकते हैं कि हमारे पास स्वीडन के ऐसे लोग हैं, जो कई बरसों से कश्मीर के इन इलाकों में पर्यवेक्षक की भूमिका निभाने का प्रयास कर रहे हैं।
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उल्लेखनीय है कि स्वीडन का शाही जोड़ा भारत की पांच दिनों की यात्रा पर है। शाही दंपती ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की। यह पूछे जाने पर कि कश्मीर मुद्दे के हल के लिए दिल्ली में भारतीय नेतृत्व के साथ मुलाकात के दौरान क्या स्वीडन ने मध्यस्थता की कोई पेशकश की, उन्होंने इसका जवाब देने से इनकार करते हुए राजनीतिक मुद्दों पर टिप्पणी नहीं करने की नीति का हवाला दिया।
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गुस्ताफ ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण तथा उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से सोमवार एवं मंगलवार को मुलाकात की। गुस्ताफ की पत्नी महारानी सिलविया ने यहां बुधवार सुबह वर्सोवा समुद्र तट की शाही दंपती की यात्रा का उल्लेख किया। वहां उन्होंने समुद्री तट की सफाई करने के कार्य में हिस्सा लिया। सिलविया ने कहा कि यह शानदार था क्योंकि हमने सिर्फ प्लास्टिक और समुद्र की तस्वीरें देखी हैं। अब हम देख सकते हैं कि समुद्र प्लास्टिक का क्या करता है।
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