लड़ाई जारी रखना चाहता था, लेकिन रूसियों ने मुझे बाहर निकालने का फैसला किया: Assad

Assad
प्रतिरूप फोटो
ANI

बशर असद ने कहा कि एक सप्ताह पहले सरकार के पतन के बाद देश छोड़ने की उनकी कोई योजना नहीं थी, लेकिन पश्चिमी सीरिया में उनके अड्डे पर हमला होने के बाद रूसी सेना ने उन्हें वहां से बाहर निकालने का निर्णय लिया। विद्रोही समूहों द्वारा सत्ता से बेदखल किए जाने के बाद असद की यह पहली टिप्पणी है।

दमिश्क । सीरिया के अपदस्थ नेता बशर असद ने कहा कि एक सप्ताह पहले सरकार के पतन के बाद देश छोड़ने की उनकी कोई योजना नहीं थी, लेकिन पश्चिमी सीरिया में उनके अड्डे पर हमला होने के बाद रूसी सेना ने उन्हें वहां से बाहर निकालने का निर्णय लिया। विद्रोही समूहों द्वारा सत्ता से बेदखल किए जाने के बाद असद की यह पहली टिप्पणी है। असद ने ‘फेसबुक’ पर एक बयान में कहा कि आठ दिसंबर की सुबह जब विद्रोहियों ने राजधानी पर हमला किया तब उन्होंने दमिश्क छोड़ दिया। 

न्होंने कहा कि वे रूसी सहयोगियों के साथ समन्वय कर तटीय प्रांत लताकिया में रूसी आधार शिविर के लिए रवाना हुए, जहां उन्होंने लड़ाई जारी रखने की योजना बनाई। असद ने कहा कि ड्रोन से रूसी आधार शिविर पर हमला होने के बाद रूसियों ने आठ दिसंबर की रात उन्हें रूस ले जाने का फैसला किया। असद ने कहा, “मैंने किसी योजना के तहत देश नहीं छोड़ा जैसा कि पूर्व में बताया जा रहा था।” उन्होंने कहा, “इन घटनाओं के दौरान किसी भी समय मैंने पद छोड़ने या शरण लेने के बारे में नहीं सोचा और न ही किसी व्यक्ति या पार्टी द्वारा ऐसा कोई प्रस्ताव रखा गया था। कार्रवाई का एकमात्र तरीका आतंकवादी हमले के खिलाफ लड़ाई जारी रखना था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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