अमेरिका के दो शीर्ष सांसद बोले, चीन की आक्रामकता के बीच भारत और अमेरिका के करीबी संबंध महत्वपूर्ण

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मेरिका और भारत के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को द्विदलीय समर्थन दर्शाते हुए प्रतिनिधि सभा की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष एलियॉट एंगल एवं रैंकिंग सदस्य माइकल टी मैककॉल ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को लिखे पत्र में कहा कि दोनों दलों के सदस्य भारत एवं अमेरिका के बीच मजबूत संबंधों पर मजबूत प्रभाव को समझते हैं।

वाशिंगटन। अमेरिका के दो शीर्ष सांसदों ने कहा है कि भारत के प्रति चीन की ‘‘आक्रामकता’’ के मद्देनजर अमेरिका और भारत के करीबी संबंध बहुत मायने रखते हैं। अमेरिका और भारत के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को द्विदलीय समर्थन दर्शाते हुए प्रतिनिधि सभा की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष एलियॉट एंगल एवं रैंकिंग सदस्य माइकल टी मैककॉल ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को लिखे पत्र में कहा कि दोनों दलों के सदस्य भारत एवं अमेरिका के बीच मजबूत संबंधों के 21वीं सदी पर मजबूत प्रभाव को समझते हैं। 

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उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल फरवरी में कहा था कि हमारे संबंध अब केवल साझेदारी नहीं हैं, बल्कि ये पहले से कहीं अधिक मजबूत एवं करीबी हैं।’’ दोनों सांसदों ने कहा, ‘‘ये मजबूत संबंध ऐसे समय में और अधिक महत्वपूर्ण हैं, जब भारत चीन के साथ लगती सीमा पर उसकी (चीन) आक्रामकता का सामना कर रहा है। चीन का यह व्यवहार हिंद प्रशांत में चीन सरकार के अवैध कदमों और उसकी आक्रामकता का हिस्सा है।’’ पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच गतिरोध की स्थिति के बीच अमेरिकी सांसदों का यह बयान आया है। उन्होंने कहा, ‘‘द्विपक्षीय संबंधों को हमारे समर्थन के साथ ही, हम इस बात पर चिंता जताते हैं कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने और उसे केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद पिछले एक साल में वहां हालात सामान्य नहीं हुए हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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