नफरत भड़काने के मामले में तुर्की की गायिका पर अभियोग चलाया गया

Gulsen
प्रतिरूप फोटो
Google Creative Commons

गायिका एवं गीतकार गुलसेन को पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उन्हें चार दिन बाद रिहा कर दिया और नजरबंद रखा गया। गायिका ने अप्रैल में एक संगीत कार्यक्रम के दौरान एक मजाक किया था और कहा था कि उनका एक संगीतकार एक धार्मिक स्कूल में जाने के कारण ‘‘बिगड़’’ गया।

अंकारा,  3 सितम्बर (एपी)। तुर्की की पॉप गायिका गुलसेन कोलाकोग्लूको देश के धार्मिक विद्यालयों का मजाक उड़ाकर ‘‘घृणा और शत्रुता भड़काने’’ के मामले में शुक्रवार को अभ्यारोपित किया गया और इसके लिए उन्हें तीन साल तक की सजा हो सकती है। गायिका एवं गीतकार गुलसेन को पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उन्हें चार दिन बाद रिहा कर दिया और नजरबंद रखा गया। गायिका ने अप्रैल में एक संगीत कार्यक्रम के दौरान एक मजाक किया था और कहा था कि उनका एक संगीतकार एक धार्मिक स्कूल में जाने के कारण ‘‘बिगड़’’ गया।

इसके बाद गायिका के इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और लोगों ने उनकी गिरफ्तारी की मांग की। तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन और इस्लाम-आधारित उनके सत्तारूढ़ दल के कई सदस्य ‘इमाम हातिप’ नामक धार्मिक विद्यालयों से पढ़े हैं, जो मूल रूप से इमामों को प्रशिक्षित करने के लिए स्थापित किए गए थे। 48 पृष्ठीय अभियोगपत्र में 702 शिकायतकर्ता हैं, जिनमें विभिन्न व्यक्ति, सरकार समर्थक महिला अधिकार संगठन और धार्मिक स्कूलों का एक संघ शामिल हैं।

तुर्की की दंड संहिता वर्ग, नस्ल, धर्म या सम्प्रदाय के आधार पर समाज में विभिन्न समूहों के खिलाफ घृणा और शत्रुता को बढ़ावा देने को अपराध घोषित करती है और ऐसे मामलों में जेल की सजा का प्रावधान है। अभियोग में गुलसेन का बयान शामिल किया गया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि उन्होंने अपने बैंड के एक सदस्य के साथ मजाक किया था, जिसका उपनाम ‘इमाम’ है, लेकिन वह धार्मिक स्कूल नहीं गया है।

उन्होंने आरोपों को खारिज करते हुए कहा, ‘‘मैंने हमारे देश के किसी वर्ग या इमाम हातिप के छात्रों का अपमान करने या उन्हें बदनाम करने के इरादे से ऐसा नहीं कहा था।’’ गुलसेन (46) अपने भड़काऊ कपड़ों और एक संगीत समारोह के दौरान एलजीबीटीक्यू का झंडा लहराने को लेकर पहले भी इस्लामी समुदाय के निशाने पर आ चुकी हैं। मामले पर सुनवाई शुरू करने के लिए उनके अभ्यारोपण को अदालत द्वारा मंजूरी दिया जाना अनिवार्य है। गुलसेन की नजरबंदी हटाए जाने के उनके वकील के अनुरोध को ठुकरा दिया गया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़