गायक फ्रेडी मर्करी की पसंदीदा भारतीय लघु पेंटिंग को ब्रिटेन की प्रदर्शनी में रखा गया

freddie mercury
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मर्करी का परिवार पारसी समुदाय से था जो पश्चिमी भारत के बुलसर से उत्पन्न हुआ था। बैंड क्वीन के प्रमुख गायक मर्करी की 45 वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई।कलाकृतियों के संग्रह में उनकी काफी दिलचस्पी थी और लंदन के उनके आवास को लगभग उसी तरह संरक्षित किया गया जैसा कि उनकी सबसे करीबी दोस्त और पूर्व प्रेमिका मैरी ऑस्टिन ने 30 साल पहले उनकी मृत्यु के बाद से रखा था। प्रदर्शनी पांच सितंबर को मर्करी के 77वें जन्मदिन पर बंद हो जाएगी जिसके बाद कलाकृतियों की नीलामी होगी।

लंदन में नीलामी गृह सोथबी द्वारा ब्रिटिश गायक-गीतकार फ्रेडी मर्करी से संबंधित कलाकृतियों को एक नयी प्रदर्शनी-सह-बिक्री के लिए रखा गया है जिनमें 16वीं सदी की एक भारतीय लघु पेंटिंग भी शामिल है। मुगलकालीन ‘अकबरनामा’ पर आधारित पेंटिंग में एक राजकुमार को अपने दल के साथ घोड़े पर सवार दिखाया गया है। इस पेंटिंग की कीमत ब्रिटिश पाउंड 30,000 और 50,000 के बीच है तथा कहा जाता है कि यह कलाकार के भारतीय पारसी वंश को प्रतिबिंबित करती है। प्रदर्शनी सह बिक्री में 1400 से ज्यादा कलाकृतियों को रखा गया है। फ्रेडी मर्करी ने अपने बचपन का एक महत्वपूर्ण समय भारत में बिताया, जहां वह मुंबई के पास पंचगनी में बोर्डिंग स्कूल में पढ़ाई करते थे। यह लघुचित्र सैकड़ों उन कलाकृतियों में से एक है, जो उनके पश्चिमी लंदन के गार्डन लॉज के घर की शोभा बढ़ा रहा है। इन कलाकृतियों को इस सप्ताह से सितंबर की शुरुआत तक सोथबी में ‘फ्रेडी मर्करी: ए वर्ल्ड ऑफ हिज ओन’ नामक एक प्रदर्शनी में रखा गया है।

सोथबी में सिंगल ओनर सेल्स के प्रमुख डेविड मैकडोनाल्ड ने कहा, ‘‘फ्रेडी को यह पेंटिंग बहुत पसंद थी और इसे ‘जर्नी ऑफ अ पर्शियन प्रिंस’ कहा जाता है, जो फ़ारसी परंपरा में चित्रित है लेकिन भारत में बनाई गई।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि फ्रेडी के स्वयं के जीवन के साथ इसकी कोई समानता है। उनकी अपनी पृष्ठभूमि पारसी है, वह जांजीबार में भी रहे और फिर मुंबई के पास बोर्डिंग स्कूल गए। यह संग्रहालय का गंभीर काम है, न कि वह जिसे आप आमतौर पर किसी रॉक स्टार के साथ जोड़ते हैं।’’ पेंटिंग को फ्रेडी मर्करी ने अपने जीवन के अंतिम छह महीनों के भीतर हासिल किया था और विशेषज्ञों का मानना है कि यह संभव है कि उनकी बीमारी ने उन्हें अपने खानदान पर चिंतन को प्रेरित किया हो।

मर्करी का परिवार पारसी समुदाय से था जो पश्चिमी भारत के बुलसर से उत्पन्न हुआ था। बैंड क्वीन के प्रमुख गायक मर्करी की 45 वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई।कलाकृतियों के संग्रह में उनकी काफी दिलचस्पी थी और लंदन के उनके आवास को लगभग उसी तरह संरक्षित किया गया जैसा कि उनकी सबसे करीबी दोस्त और पूर्व प्रेमिका मैरी ऑस्टिन ने 30 साल पहले उनकी मृत्यु के बाद से रखा था। प्रदर्शनी पांच सितंबर को मर्करी के 77वें जन्मदिन पर बंद हो जाएगी जिसके बाद कलाकृतियों की नीलामी होगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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