पुतिन-जिनपिंग का प्लान, बहाना यूक्रेन निशाना ताइवान, 9 लड़ाकू विमानों ने की घुसपैठ
यूक्रेन की लड़ाई का फायदा उठाते हुए चीन ने ताइवान में 9 लड़ाकू विमान भेजे हैं। चीन की इस हरकत का ताइवान ने भी तगड़ा जवाब दिया और फौरन उसकी सेना ने चीनी लड़ाकू विमानों को खदेड़ दिया। जिसके बाद से ही चीन के इस कदम के पीछे बहुत बड़ी साजिश होने के संकेत मिले हैं।
रूस और यूक्रेन के बीच जंग बहुत ही खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुकी है। दुनिया सांस रोककर वर्ल्ड वॉर थ्री की आशंका को महसूस कर रही है। लेकिन इसी बीच एक नया घटनाक्रम दुनिया में भारी उथल-पुथल का संकेत दे रहा है। ताइवान के आसमान पर अचानक ही चीन के नौ लड़ाकू विमानों ने चीन के चाल, चरित्र, चेहरे और साजिश को दुनिया के सामने ला कर रख दिया। चीन यूक्रेन संकट का गलत फायदा उठाने की फिराक में है। दावा ये किया जा रहा है कि यूक्रेन संकट के बीच चीन ताइवान पर हमला कर सकता है।
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यूक्रेन की लड़ाई का फायदा उठाते हुए चीन ने ताइवान में 9 लड़ाकू विमान भेजे हैं। चीन की इस हरकत का ताइवान ने भी तगड़ा जवाब दिया और फौरन उसकी सेना ने चीनी लड़ाकू विमानों को खदेड़ दिया। जिसके बाद से ही चीन के इस कदम के पीछे बहुत बड़ी साजिश होने के संकेत मिले हैं। माना ये जा रहा है कि चीन ने पहले से ये प्लेन तैयार कर लिए थे। वो ताइवान पर ठीक वैसे ही हमला करने की कोशिश में है जिसा रूस ने यूक्रने पर किया। असल में चीन शुरू से ही ताइवान को अपान इलाका मानता है। जैसा कि यूक्रेन को रूस अपना मानता रहा है।
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कई छोटे देश जो अब तक अमेरिका के दम पर महाशक्तियों के खिलाफ हुंकार भरते थे अब वो भी खौफजदा हैं। नाटो तैयारी करता रहा गया और बाइडेन प्रतिबंध पर प्रतिबंध लगाते रह गए। रूस के आगे सुपर पावर के ऐसे बेबस रूप ने यूक्रेन को भी हैरत में डाल दिया। वहीं नाटो और सुपरपावर की बेबसी में चीन को अपना सबसे बड़ा फायदा दिखाई दे रहा है। अभी तक अमेकरिका ताइवान का रक्षा कवच बना हुआ था। लेकिन यूक्रेन विवाद में अमेरिका बुरी तरह उलझा है। सुपरपावर के सैनिक यूरोप के चप्पे-चप्पे पर तैनात हो रहे हैं। मतलब साफ है कि अमेरिका का फोकस ताइवान से शिफ्ट होकर यूक्रेन और रूस पर शिफ्ट हो गया है। चीन को ऐसे ही मौके का इंतजार था। मुमकिन है कि चीन ताइवान के खिलाफ मेगा मिलिट्री ऑपरेशन का ऐलान कर दे।
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वैसे ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि जब चीन के लड़ाकू विमान ने ताइवान के लड़ाकू विमान भरकर वायुसीमा का उल्लंघन किया है। लेकिन यूक्रेन और रूस के बीच जंग के हालातों के दौरान चीन का ये कदम कई सवाल खड़े करता है। सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या चीन भी ताइवान पर हमले का मौका ढूंढ़ रहा है। दरअसल, रूस और यूक्रेन की जंग से पहले व्लादिमीर पुतिन ने चीन का दौरा किया था। जिसमें दोनों देशों ने एक संयुक्त बयान जारी किया कि ताइवान मसले पर रूस चीन के साथ है। हाल ही में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने सेंसरशिप गाइडलाइन को गलती से सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया था। जिसमें ताइवान पर कब्जा करने की बात का जिक्र था। यही वजह है कि अब इन दोनों देशों के बीच भी युद्ध होने के कयास लगाए जा रहे हैं।
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