परवेज मुशर्रफ ने विशेष अदालत के मौत के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी
पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह परवेज मुशर्रफ ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जिसमें उन्हें राजद्रोह का दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनायी गयी है।अपील में अदालत से अन्य उचित राहत प्रदान किए जाने का अनुरोध किया गया है।विशेष अदालत ने मुशर्रफ की बीमारी को स्वीकार कर लिया था, लेकिन पूर्व राष्ट्रपति को उनकी अनुपस्थिति में ही दोषी ठहरा दिया।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह परवेज मुशर्रफ ने एक विशेष न्यायाधिकरण के उस फैसले को गुरुवार को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जिसमें उन्हें राजद्रोह का दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनायी गयी है। एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार ने पूर्व सेना प्रमुख के खिलाफ 2013 में राजद्रोह का मामला दायर किया था।
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इन दिनों दुबई में रह रहे स्व-निर्वासित मुशर्रफ पर आरोप है कि उन्होंने नवंबर 2007 में संविधान को स्थगित करते हुए आपातकाल लगाया था। इस वजह से ऊंची अदालतों के कई न्यायाधीशों को उनके घरों में बंद कर दिया और और 100 से अधिक न्यायाधीशों को बर्खास्त कर दिया गया था।
इस्लामाबाद की विशेष अदालत ने पिछले साल 17 दिसंबर को 74 वर्षीय सेवानिवृत्त जनरल को राजद्रोह के मामले में मौत की सजा सुनाई थी। हालांकि, सोमवार को राजद्रोह मामले में मुशर्रफ के मुकदमे को असंवैधानिक घोषित कर दिया गया था जिससे पूर्व सेना प्रमुख को मौत की सजा सुनायी गयी थी। डॉन समाचार पत्र के अनुसार 90 पृष्ठों की अपील में मुशर्रफ ने विशेष अदालत के आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया है।
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अपील में अदालत से अन्य उचित राहत प्रदान किए जाने का अनुरोध किया गया है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार याचिका में कहा गया है कि विशेष अदालत में पूर्व राष्ट्रपति की अनुपस्थिति जानबूझकर नहीं थी और वह बीमारी के कारण अदालत में पेश नहीं हो पाए थे। इसमें कहा गया है कि विशेष अदालत ने मुशर्रफ की बीमारी को स्वीकार कर लिया था, लेकिन पूर्व राष्ट्रपति को उनकी अनुपस्थिति में ही दोषी ठहरा दिया।
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