China का हाथ पकड़कर सीधा चांद पर लैंड करेगा पाकिस्तान, Chang'e-6 Mission के जरिए भेजा अपना सैटेलाइट
भारत के चंद्रयान 3 मिशन के बाद अब चीन ने अपना मून मिशन लॉन्च कर दिया। इस मिशन का नाम चांगा-6 मिशन है और इसमें पाकिस्तान का आईक्यूब-क्यू सैटेलाइट लगा हुआ है। इस सैटेलाइट में 2 कैमरे हैं, जो चांद की सतह की तस्वीरें लेंगे। चीन का यह मिशन 53 दिन तक चांद पर रहेगा, यानी 25 जून को यह धरती पर लौट आएगा। ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, इस मिशन का लक्ष्य चांद के दूर वाले हिस्से (जहां अंधेरा होता है) पर जाकर सैंपल इकट्ठे करके इन्हें धरती पर भेजना है।
भारत के चंद्रयान की सफलता के बाद से पाकिस्तान की बैचेनी उसे परेशान कर रही थी। पाकिस्तान चीन के दरवाजे पर इस उम्मीद के साथ टकटकी लगाए देख रहा था कि चीन उसका हाथ पकड़ेगा और उसे सीधा चांद पर लैंड करा देगा। अब पाकिस्तान का ये सपना पूरा होने वाला है। भारत के चंद्रयान 3 मिशन के बाद अब चीन ने अपना मून मिशन लॉन्च कर दिया। इस मिशन का नाम चांगा-6 मिशन है और इसमें पाकिस्तान का आईक्यूब-क्यू सैटेलाइट लगा हुआ है। इस सैटेलाइट में 2 कैमरे हैं, जो चांद की सतह की तस्वीरें लेंगे। चीन का यह मिशन 53 दिन तक चांद पर रहेगा, यानी 25 जून को यह धरती पर लौट आएगा। ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, इस मिशन का लक्ष्य चांद के दूर वाले हिस्से (जहां अंधेरा होता है) पर जाकर सैंपल इकट्ठे करके इन्हें धरती पर भेजना है।
इसे भी पढ़ें: Pakistan के इस इलाके में चीन के नागरिकों पर लगा प्रतिबंध! आतंकियों से हारकर शहबाज सरकार ने लिया ये फैसला
पाकिस्तान ने सबसे पहले हाथ फैलाकर सैटेलाइट बनाने के लिए चीन से मदद मांगी। जब सैटेलाइट बन गया तो पाकिस्तान ने पैर पकड़कर सैटेलाइट को चांद की कक्षा में भेजने के लिए फिर मदद मांगी। चीन ने अपने रॉकेट पर फ्री में पाकिस्तानी सैटेलाइट को ले जाने की इजाजत दे दी। इसके बाद पाकिस्तान ने सैटेलाइट से संपर्क करने के लिए चीन का ही कंट्रोल सिस्टम इस्तेमाल करने की इजाजत मांगी। इतनी कोशिशों के बाद अगर चीन का मून मिशन सफल हो गया तो पाकिस्तानी गर्व से कहेंगे कि उन्होंने अपने भीख और मदद के सहारे चांद को जीत लिया है। दुनिया में कोई भी देश ऐसा नहीं कर पाया है। ये अपने आप में अनोखा रिकॉर्ड होगा।
इसे भी पढ़ें: 550 अरब रुपये का बकाया, पाई पाई वसूलने की शुरू हुई कार्रवाई, जिनपिंग ने शहबाज को दिया अल्टीमेटम
इस मिशन में ऐसा अनोखा क्या है?
इस मिशन का एक उल्लेखनीय पहलू आईएसटी द्वारा विकसित क्यूबसैट उपग्रह, आईक्यूब-क्यू को शामिल करना है। क्यूबसैट लघु उपग्रह हैं जो अपने छोटे आकार और मानकीकृत डिजाइन के लिए जाने जाते हैं। ये उपग्रह अंतरिक्ष अन्वेषण में वैज्ञानिक अनुसंधान, प्रौद्योगिकी विकास और शैक्षिक पहल को सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, अपने छोटे आकार के बावजूद, क्यूबसैट विश्वविद्यालयों, अनुसंधान संस्थानों और वाणिज्यिक संस्थाओं को अंतरिक्ष अभियानों में भाग लेने और वैज्ञानिक प्रगति के लिए आवश्यक डेटा इकट्ठा करने के लिए मूल्यवान अवसर प्रदान करता है। आईसीयूबीई-क्यू ऑर्बिटर चंद्रमा की सतह की छवि लेने के लिए दो ऑप्टिकल कैमरे ले जाएगा। 2022 में चीन राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन (सीएनएसए) ने एशिया प्रशांत अंतरिक्ष सहयोग संगठन (एपीएससीओ) के माध्यम से सदस्य देशों को चंद्रमा के लिए जाने वाले चांग'ई 6 मिशन पर एक छात्र-निर्मित पेलोड को शामिल करने का एक विशिष्ट अवसर प्रदान किया। पाकिस्तान के आईसीयूबीई-क्यू को चुना गया। चीन का चांग'ई 6 मिशन उसके सावधानीपूर्वक नियोजित मून मिशन प्रोग्राम में अगला कदम है।
Pakistan Space & Upper Atmosphere Research Commission, #SUPARCO’s logo is seen on China’s most powerful rocket #LongMarch5! Together with China’s #ChangE6 lunar probe and payloads from France and #ESA, Pakistan’s CubeSat is ready to go to the moon in just a few days! pic.twitter.com/tlOebD5wVf
— Chinese Emb Pakistan (@CathayPak) April 29, 2024
अन्य न्यूज़