पीओके चुनाव पर भारत की टिप्पणी से बौखलाया पाकिस्तान, भारतीय राजनयिक को किया तलब
भारत सरकार द्वारा अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ अपने संबंधों को कमतर किया और व्यापार स्थगित कर दिया। भारत का कहना है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 से जुड़ा मुद्दा पूरी तरह देश का अंदरूनीमामला है।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने शुक्रवार को यहां भारतीय उच्चायोग के एक शीर्ष राजनयिक को तलब कर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर(पीओके) में हाल में संपन्न चुनावों पर भारत की टिप्पणियों को ‘‘खारिज’’ किया। विदेश मंत्रालय ने यहां बयान जारी कर कहा, ‘‘भारत के प्रभारी राजदूत को विदेश मंत्रालय में तलब कर भारत के विरोध को खारिज किया गया और जम्मू-कश्मीर विवाद पर पाकिस्तान के स्पष्ट एवं सतत रूख के बारे में बताया गया।’’ भारत ने पीओके में 25 जुलाई को हुए चुनावों को खारिज कर दिया जहां प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने जीत दर्ज की।
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भारत ने कहा कि ‘‘बनावटी प्रक्रिया’’ कुछ नहीं बल्कि पाकिस्तान द्वारा ‘‘अपने अवैध कब्जे को छिपाने’’ का प्रयास है। साथ ही भारत ने इस पर कड़ा विरोध दर्ज कराया था। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चुनावों पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि पाकिस्तान का ‘‘इन भारतीय भूभागों पर कोई अधिकार नहीं है’’ और अपने अवैध कब्जे के सभी भारतीय क्षेत्रों को उसे खाली कर देना चाहिए। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान और भारत के बीच जम्मू-कश्मीर विवाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के एजेंडा में 1948 से ही है और यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिह्नित विवाद है। भारत सरकार द्वारा अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ अपने संबंधों को कमतर किया और व्यापार स्थगित कर दिया। भारत का कहना है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 से जुड़ा मुद्दा पूरी तरह देश का अंदरूनीमामला है।
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