संकट के बीच ट्रंप के खिलाफ आक्रोश : किसी भी स्थिति का नहीं मिलेगा फायदा

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ट्रंप के लिए यह बेहद चुभने वाली चुनौती है वह भी ऐसे राज्य में जो व्हाइट हाउस में बरकरार रहने की उनकी कोशिश के लिए अहम है। भले ही ट्रंप चाहें कि मतदाता बेरोजगारी की उस स्थिति पर ध्यान केंद्रित करें जो अर्थशास्त्रियों के अनुमान से बेहतर है।

मैडिसन (अमेरिका)। कार्यालय में सबसे अशांत हफ्तों में से एक की समाप्ति की बाद, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नौकरियों के संबंध में उम्मीद से बेहतर रिपोर्ट आने पर अभिमान जताने के लिए शुक्रवार को बेताब थे ताकि वह बता सकें कि देश अच्छी तरह से उबरने के लिए तैयार है लेकिन मतदाताओं पर इसका कोई खास असर होता नहीं दिख रहा। विस्कॉनसिन राज्य के सबसे बड़े शहर के निवासी, 45 वर्षीय बेंजमिन लुंड लंबे समस से रिपब्लिकन पार्टी के समर्थक रहे हैं। उनका जन्म रूढ़िवादी परिवार में हुआ है। 2020 की शुरुआत में, उन्हें इस बात पर शक था कि वह ट्रंप के पुनर्चुनाव को समर्थन करेंगे। इसके बाद वैश्विक महामारी फैली और लुंड की रेस्तरां वाली नौकरी चली गई। प्रक्रियागत विलंब के कारण उन्हें दो महीने बेरोजगारी भत्ता के बिना ही रहना पड़ा। उसके बाद जॉर्ज फ्लयॉड की जिस तरह पुलिस के हाथों हत्या हुई और उसको ले कर देश भर में जिस तरह के विरोध प्रदर्शनों का दौर चला उसपर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रुख ने उन्हें हक्का बक्का कर दिया।

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श्वेत लुंड, अब डेमोक्रेटिक उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने की योजना बना रहे हैं और राष्ट्र के दर्द पर किसी तरह का “मरहम” लगाने की ट्रंप की कोशिशों को खारिज करते हैं। उन्होंने कहा, “लोग जल्द ही आर्थिक मंदी का रूप लेने जा रही वास्तविकता में जी रहे हैं, यह बिलकुल अलग तरह की संख्या है।” लुंड ने कहा, “एक राष्ट्र के तौर पर फिलहाल हम जहां हैं, वहां किसी घटना को अपने पक्ष में करने की कोशिश करना एक तरह से अपमानजनक है।” ट्रंप के लिए यह बेहद चुभने वाली चुनौती है वह भी ऐसे राज्य में जो व्हाइट हाउस में बरकरार रहने की उनकी कोशिश के लिए अहम है। भले ही ट्रंप चाहें कि मतदाता बेरोजगारी की उस स्थिति पर ध्यान केंद्रित करें जो अर्थशास्त्रियों के अनुमान से बेहतर है लेकिन ट्रंप के ये तरीके वैश्विक महामारी और ऐसे स्तर पर नागरिक अशांति के साथ टकरा रहे हैं जो देश ने 1960 के दशक के बाद से नहीं देखा था। चुनाव में अभी पांच महीने का समय है। ट्रंप के पास अपना पक्ष मजबूत करने का समय है। लेकिन कुछ रिपब्लिकनों को भय है कि मतदाता ट्रंप से छिटक सकते हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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