मोदी-मैक्रों के ऐलान से घुसपैठियों में खौफ, फ्रांस-भारत में शुरू हुआ एक्शन

Modi Macron
Prabhasakshi
अभिनय आकाश । Mar 23 2024 7:20PM

भारत में तो हजारों रोहिंग्या घुस चुके हैं, वो भी अवैध तरीके से। हजारों का तो अता-पता तक नहीं है। अगर ये हमला करेंगे तो क्या होगा। वैसे इसका ट्रेलर हम 2019 में देख चुके हैं। जब सीएए कानून लाया गया था तो उस वक्त दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में रोहिंग्या पत्थरबाजी और आगजनी में शामिल पाए गए थे।

भारत और फ्रांस के एक फैसले ने दुनिया में हलचल पैदा कर दी है। दरअसल, भारत और फ्रांस एक जैसी ही समस्या से जूझ रहे थे और अब फैसला भी एक जैसा ही लिया है। आपको याद होगा कि कैसे मुस्लिम शरणार्थियों ने फ्रांस के अलग-अलग शहरों पर हमला कर दिया था। ये सभी कानूनी तरीके से फ्रांस आए थे। फ्रांस की पुलिस को पता था कि कौन कहां रहता है। लेकिन इसके बावजूद जब शरणार्थियों ने हमला किया तो फ्रांस की पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां सब फेल हो गई। अब अंदाजा लगाईए कि भारत में तो हजारों रोहिंग्या घुस चुके हैं, वो भी अवैध तरीके से। हजारों का तो अता-पता तक नहीं है। अगर ये हमला करेंगे तो क्या होगा। वैसे इसका ट्रेलर हम 2019 में देख चुके हैं। जब सीएए कानून लाया गया था तो उस वक्त दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में रोहिंग्या पत्थरबाजी और आगजनी में शामिल पाए गए थे। 

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लेकिन अब भारत और फ्रांस खतरा भांप चुके हैं। फ्रांस ने तो अपनी संसद में एक बिल पास कर दिया है। जिसके बाद फ्रांस की सरकार घुसपैठियों को आसानी से देश से बाहर निकाल देगी। फ्रांस ने विदेशी मौलानाओं को भी देश से निकालना शुरू कर दिया है। अब भारत ने भी बड़ा बयान देते हुए कहा है कि देश से अवैध रोहिग्या शरणार्थियों को भगाया जाएगा। मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि रोहिंग्या अवैध अप्रवासी हैं और उन्हें निवास करने और बसने का अधिकार नहीं है, जो केवल नागरिकों के लिए उपलब्ध एक मौलिक अधिकार है। 

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दुनिया की सबसे बड़ी आबादी और सीमित संसाधनों वाले विकासशील देश के रूप में देश के अपने नागरिकों को प्राथमिकता दी जानी आवश्यक है। इसलिए, विदेशियों को शरणार्थी के रूप में पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया जा सकता, खासकर जहां ऐसे अधिकांश विदेशियों ने अवैध रूप से देश में प्रवेश किया है। गृह मंत्रालय के अवर सचिव द्वारा हस्ताक्षरित हलफनामे में नीतिगत मामले के रूप में अवैध प्रवासन के खिलाफ सरकार के रुख पर जोर दिया गया है। इसका समर्थन करने के लिए, इसने विदेशी अधिनियम के तहत एक अवैध प्रवासी व्यक्ति को निर्वासित करने के अपने कानूनी दायित्व को भी रेखांकित किया है। 

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