महिलाओं की शिक्षा के लिए आवाज उठाने वाली मलाला यूसुफजई विवाह बंधन में बंधी, साझा की तस्वीरें
शिक्षा के लिए आवाज उठाने वाली मलाला यूसुफजई विवाह बंधन में बंध गई हैं और उन्होंने मंगलवार को ट्वीट करके यह जानकारी दी। नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने ट्वीट किया, ‘‘आज मेरी जिंदगी का बेहद अनमोल दिन है। मैं और असर जीवनभर के साथी बन गए हैं। हमने अपने परिवारों की मौजूदगी में बर्मिंघम में निकाह किया।
लंदन। मलाला यूसुफजई ने तालिबान के खिलाफ खड़े होने के लिए अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त की। तालिबानी हमेशा से लड़कियों की शिक्षा के विरोध में थे। वह 2012 में तालिबान बंदूकधारी द्वारा सिर में गोली मारे जाने से बच गईं। 2014 में यूसुफजई नोबेल शांति पुरस्कार प्राप्त करने वाली सबसे कम उम्र की व्यक्ति बनीं।
मलाला यूसुफजई को मलाला के नाम से जाना जाता है, वह महिला शिक्षा के लिए एक पाकिस्तानी कार्यकर्ता और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता है। हाल ही में मलाला ने भारत के किसान आंदोलन को लेकर भी सोशल मीडिया पर बात की थी। शिक्षा के लिए आवाज उठाने वाली मलाला यूसुफजई विवाह बंधन में बंध गई हैं और उन्होंने मंगलवार को ट्वीट करके यह जानकारी दी।
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मलाला यूसुफजई ने कर ली शादी
नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने ट्वीट किया, ‘‘आज मेरी जिंदगी का बेहद अनमोल दिन है। मैं और असर जीवनभर के साथी बन गए हैं। हमने अपने परिवारों की मौजूदगी में बर्मिंघम में निकाह किया। हमें आशीर्वाद दीजिए। हम आगे का रास्ता साथ मिलकर तय करने के लिए उत्साहित हैं।’’ उन्होंने असर मलिक और परिवार के साथ निकाह की कुछ तस्वीरें भी ट्विटर पर साझा कीं।
Today marks a precious day in my life.
— Malala (@Malala) November 9, 2021
Asser and I tied the knot to be partners for life. We celebrated a small nikkah ceremony at home in Birmingham with our families. Please send us your prayers. We are excited to walk together for the journey ahead.
📸: @malinfezehai pic.twitter.com/SNRgm3ufWP
कौन है मलाला का पति?
यूसुफजई ने अपने पति के बारे में अपने पहले नाम के अलावा और कोई जानकारी नहीं दी। कई सोशल मीडिया यूजर्स ने उनकी पहचान लाहौर शहर के पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के हाई परफॉर्मेंस सेंटर के महाप्रबंधक असर मलिक के रूप में की है।
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गौरतलब है कि पाकिस्तान की मानवाधिकार कार्यकर्ता यूसुफजई को लड़कियों की शिक्षा के लिए बिना किसी खौफ के आवाज उठाने के लिए स्वात घाटी में 2012 में तालिबानी आतंकवादियों ने उस वक्त गोलियां मारी थीं, जब वह स्कूल से घर लौट रही थीं। बेहतर इलाज के लिए यूसुफजई को इंग्लैंड के शहर बर्मिंघम लाया गया था। ठीक होने के बाद यूसुफजई ने फिर से स्कूल जाना शुरू किया और जून 2020 में उन्होंने ऑक्सफोर्ड से स्नातक किया। इस दौरान भी वह लड़कियों की शिक्षा और उनकी बेहतरी के लिए आवाज उठाती रहीं। यूसुफजई के विवाह की जानकारी मिलने पर लोग उन्हें बधाई और शुभकामना संदेश भेज रहे हैं।
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