Sheikh Hasina को शरण देने पर खालिदा जिया की पार्टी ने भारत पर साधा निशाना, कहा- लोकतंत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के वादे से पीछे हट गया
सरकारी नौकरियों में विवादास्पद कोटा प्रणाली को लेकर छात्रों और अन्य लोगों ने उनकी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। फखरुल ने कहा कि हमारा आपसे आह्वान है कि आप उसे कानूनी तरीके से बांग्लादेश सरकार को सौंप दें। इस देश के लोगों ने उसके मुकदमे का फैसला दिया है। उसे मुकदमे का सामना करने दें।
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने मंगलवार को भारत से अपदस्थ प्रधान मंत्री शेख हसीना को मुकदमे का सामना करने के लिए प्रत्यर्पित करने के लिए कहा है। उन्होंने उन पर देश की क्रांति को विफल करने की साजिश रचने का आरोप लगाया था। 76 वर्षीय हसीना ने भारी विरोध के बाद 5 अगस्त को इस्तीफा दे दिया और भारत भाग गईं। सरकारी नौकरियों में विवादास्पद कोटा प्रणाली को लेकर छात्रों और अन्य लोगों ने उनकी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। फखरुल ने कहा कि हमारा आपसे आह्वान है कि आप उसे कानूनी तरीके से बांग्लादेश सरकार को सौंप दें। इस देश के लोगों ने उसके मुकदमे का फैसला दिया है। उसे मुकदमे का सामना करने दें।
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पूर्व राष्ट्रपति और बीएनपी संस्थापक जिया-उर रहमान की कब्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, फखरुल ने कहा कि ऐसा लगता है कि भारत उन्हें आश्रय देकर लोकतंत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता नहीं निभा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया, 'वहां रहकर उसने बांग्लादेश में हुई क्रांति को विफल करने के लिए विभिन्न साजिशें शुरू की हैं। हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार के पतन के बाद देश भर में भड़की हिंसा की घटनाओं में 230 से अधिक लोग मारे गए, जुलाई के मध्य में छात्रों द्वारा शुरू किए गए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद से मरने वालों की संख्या 600 से अधिक हो गई।
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बांग्लादेश में कर अधिकारियों ने बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की अध्यक्ष खालिदा जिया के बैंक खातों पर 17 साल पहले रोक लगायी गयी रोक को हटाने का फैसला किया है। डेली स्टार समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय राजस्व बोर्ड (एनबीआर) ने सोमवार को बैंकों को बीएनपी अध्यक्ष जिया के खातों पर लगी रोक हटाने का निर्देश दिया। अगस्त 2007 में एनबीआर के केंद्रीय खुफिया प्रकोष्ठ ने बैंकों को बीएनपी अध्यक्ष के खातों पर रोक लगाने का निर्देश दिया था। वह 1990 के बाद से दो बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री चुनी जा चुकी हैं।
बांग्लादेश अवामी लीग का 15 साल पुराना शासन खत्म हो गया है। नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार ने आठ अगस्त को शपथ ली। जिया (79) को पांच अगस्त को हसीना (76) के देश छोड़कर चले जाने के बाद जेल से रिहा कर दिया गया था। जिया मार्च 1991 से मार्च 1996 तक और फिर जून 2001 से अक्टूबर 2006 तक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं।
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