भारत से पंगा लेने के मूड में था ईरान, मुसलमानों पर दिया ज्ञान, 4 घंटे में ही मोदी सरकार ने कर दिया तगड़ा इलाज

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ANI
अभिनय आकाश । Sep 17 2024 12:08PM

खामेनई ने लिखा कि अगर हम म्यामार, गाजा, भारत या किसी अन्य स्थान पर किसी मुस्लिम को होने वाली पीड़ा से बेखबर है तो हमें खुद को मुसलमान नहीं मानना चाहिए। खामेनई का हिंदी में भी एक अलग एक्स अकाउंट है, लेकिन इस पर ऐसा कोई पोस्ट नहीं किया गया है।

पांच बजकर 16 मिनट पर भारत को लेकर खामनेई का एक ट्वीट आता है। इसके चार घंटे बाद भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से ईरान को उसी की भाषा में जवाब दिया जाता है। दरअसल, ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खामनेई ने एक ट्वीट किया था। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनई ने कहा है कि भारत में मुसलमानो का उत्पीड़न हो रहा है। उन्होने सोशल मीडिया एक्स पर यह बात कही और दुनियाभर के मुसलमानों के बीच एकजुटता की जरूरत बताई। खामेनई ने लिखा कि अगर हम म्यामार, गाजा, भारत या किसी अन्य स्थान पर किसी मुस्लिम को होने वाली पीड़ा से बेखबर है तो हमें खुद को मुसलमान नहीं मानना चाहिए। खामेनई का हिंदी में भी एक अलग एक्स अकाउंट है, लेकिन इस पर ऐसा कोई पोस्ट नहीं किया गया है। 

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ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई के इस कथित आरोप पर अब भारत की ओर से भी प्रतिक्रिया सामने आई है। भारत के विदेश मंत्रालय ने इन आरोपों का कड़े शब्दों में जवाब दिया है और खामेनेई के बयान की निंदा की है।  विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत में अल्पसंख्यकों पर टिप्पणी करने वाले देशों को दूसरों के बारे में कोई भी टिप्पणी करने से पहले अपना रिकॉर्ड देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम ईरान के सर्वोच्च नेता के भारत में अल्पसंख्यकों के संबंध में की गई टिप्पणियों की कड़ी निंदा करते हैं। ये गलत सूचना पर आधारित और अस्वीकार्य हैं।

जायसवाल ने कहा कि अल्पसंख्यकों पर टिप्पणी करने वाले देशों को सलाह दी जाती है कि वे दूसरों के बारे में कोई भी टिप्पणी करने से पहले अपना रिकॉर्ड देखें। 

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ईरान में राष्ट्रपति या सरकार महज औपचारिकता के लिए बनाई जाती है। सारी पावर ईरान के सुप्रीम लीडर के पास होती है। रिलीजियस या पॉलिटिकल सभी मसलों पर सुप्रीम लीडर ही मुख्य अथॉरिटी होता है। ईरान की सरकार या राष्ट्रपति के किसी भी फैसले को बदलने की भी पावर होती है। ईरान के अंदर ज्यूडिशरी, मिलिट्री कमांडर, मीडिया समेत सभी जरूरी संस्थानों के ऊपर अप्वाइंटमेंट का फैसला सुप्रीम लीडर का होता है। इसलिए ज्यूडिशयरी से लेकर आर्म फोर्स का कंट्रोल ईरान में सुप्रीम लीडर के पास होता है।

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